उन्नाव: 10 लोगों की मौत के बाद भी भरे नहीं गए गड्ढे

उन्नाव। बीते कई वर्षों से उन्नाव-हरदोई स्टेट हाईवे पर सिर्फ और सिर्फ गड्ढे नजर आते हैं। इस स्टेट हाईवे से दिन पर जहां कई-कई बार स्थानीय विधायकों को आवागमन होता है। वहीं वीआईपी व वीवीआईपी सहित आलाधिकारी भी गुजरते रहते हैं। इसके बावजूद पीडब्ल्यूडी कुंभकर्णी नींद में सोया है, जबकि गड्ढ़े मार्ग दुर्घटना का कारण बनकर लोगों की जिंदगी छीनते रहते हैं। उन्नाव-हरदोई मार्ग की जिले में कुल लंबाई लगभग 65 किलोमीटर है। कहने को तो कागजों पर इस सड़क को राज्यमार्ग (स्टेट हाईवे) का दर्जा प्राप्त है, लेकिन इसकी हालत सामान्य सड़कों से अधिक बदहाल है।
पांच दिन पूर्व हुए हादसे में गई हैं कई जान

वाहनों की रफ्तार के साथ सड़क के गड्ढों को बीते रविवार हुई मार्ग दुर्घटना की वजह मानी जा रही है। इस सड़क पर दोनों ओर से एक-एक वाहन ही निकल सकता है। राज्यमार्ग होने के बाद भी सड़क पर जगह-जगह गड्ढे़ ही गड्ढ़े दिखाई देते हैं। यही नहीं मात्र 65 किलोमीटर लंबी सड़क पर अलग-अलग स्थानों पर चार संकरी पुलिया हैं, जिन पर एक बार में एक ही वाहन निकल पाता है। गड्ढ़े को ही से तहसील मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर जमालुद्दीनपुर गांव में हुई मार्ग दुर्घटना होने का बड़ा कारण बताया जा रहा है, जिसमें 10 से अधिक घायल काल के गाल में समा चुके हैं।

परिवहन मंत्री है जिले के प्रभारी मंत्री

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह इस जिले के प्रभारी हैं। इसके बावजूद वह सड़क को दुर्दशा से निजात नहीं दिला सके हैं, जिससे इस रूट पर चलने वाली परिवहन विभाग की कई बसे अन्य रास्तों खासकर कन्नौज होकर गंतव्य की ओर निकल जाती हैं। हालांकि सांसद-विधायक विकास का ढिढ़ोरा पीटते रहते हैं, जबकि यह सड़क जिले के विकास को आईना दिखा रही है।

चुनाव के समय कई बार हो चुका है फोर लाइन बनाने का वादा

लोकसभा व विधानसभा चुनाव के समय प्रायः इस हाईवे को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कराने का सब्जबाग दिखाया जाता है, लेकिन चुनाव समाप्त होने के साथ यह मुद्दा ठंढ़े बस्ते में चला जाता है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यह सिलसिला एक दशक से जारी है। मौजूदा भाजपा प्रत्याशी व सांसद साक्षी महाराज भी कई बार केंद्र सरकार में पैरवी कर राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दिलाने का सपना दिखा चुके हैं।

क्या कहते हैं दैनिक यात्री

परिचय: वीरेंद्र कुमार मिश्रा।

तहसील क्षेत्र से प्रतिदिन जिला मुख्यालय आवागमन करने वाले वीरेंद्र कुमार मिश्रा सफर करते समय भयभीत रहने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्टेट हाईवे से क्षेत्र के कुछ गांवों को जोड़ने वाली सड़कें ही नहीं खड़ंजा मार्ग भी बेहतर सफर का एहसास कराते हैं। साथ ही जोड़ा की सदर व बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र की तुलना में सफीपुर क्षेत्र अंतर्गत अधिक गड्ढे हैं

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