इंदौर : खंडवा रोड स्थित डीएवीवी के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंडमास कम्युनिकेशन सभागार में गुरुवार को हिंदी सिनेमा को इनसाइक्लेपीडिया किताब का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर गायक व लेखक स्वानंद किरकिरे ने छात्रों से बातचीत करते हुए कहा कि वे इंदौर में जनमें और यही पर फिल्म के प्रति उनका शौक जागा। वे धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए और रास्ते खुलते गए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आज किसी को संसाधन के लिए परेशान नहीं होना चाहिए क्योंकि ग्लोबल ही लोकल ही है। कोई सी भी महान फिल्म कहीं से भी निकल कर आ सकती है। आप अपने आसपास ही ढूंढि, आपको रहमान, गुलजार और सलमान मिल जाएंगे। श्रीराम ताम्रकार की फिल्म समीक्षाएं पढ़ कर और फिल्म सोसायटी में कला फिल्में देखकर ही मेरा फिल्म देखने के प्रति नजरिया बदला। कार्यक्रम में सच्चिदानंद जोशी (मेंबर सेक्रेटरी, आईजीएनसीए) ने कहा कि हिंदी सिनेमा के समीक्षकों के अनुसार, श्रीराम ताम्रमार से यदि कुछ सीखन है तो उन्हें जुनून सीखिए। फिल्म के प्रति उनका जुनून ही उन्हें हिंदी सिनेमा का इनसाक्लोपीडिया लिखने के लिए प्रेरित कर सका और उन्होंने यह मुश्किल काम कर दिखाया।
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