कौन लड़ेगा अमेठी सीट पर कांग्रेस से चुनाव?

यूपी : यूपी में रायबरेली और अमेठी को गांधी परिवार की परंपरागत सीट कहा जाता है. इंदिरा से लेकर राजीव गांधी और सोनिया से लेकर राहुल गांधी समेत गांधी परिवार के आधा दर्जन सदस्य अमेठी या रायबरेली से सांसद रहे हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने यूपी में अखिलेश यादव के साथ हुए समझौते में यह दोनों सीटें अपने पास रखी हैं.

पिछले कई चुनावों में रायबरेली से सोनिया और अमेठी से राहुल गांधी कांग्रेस के उम्मीदवार हुआ करते थे. सोनिया गांधी अब राज्यसभा जा चुकी हैं, जबकि राहुल एक बार फिर से केरल की वायनाड सीट से प्रत्याशी घोषित किये गए हैं. ऐसे में सवाल यह है कि क्या यह पहला मौका होगा, जब नेहरू – गांधी परिवार का कोई भी सदस्य यूपी से चुनाव नहीं लड़ेगा.

हालांकि अखिलेश यादव से हुए समझौते में मिली सत्रह सीटों में से ज़्यादातर पर कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नाम या तो घोषित कर दिए हैं या फिर तय कर लिए हैं, लेकिन रायबरेली और अमेठी को लेकर सस्पेंस अभी बरकरार है. चर्चाओं के मुताबिक़ गांधी परिवार का कोई भी सदस्य इस बार अमेठी और रायबरेली समेत यूपी में किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ेगा. अब सवाल यह है कि गांधी परिवार इन परंपरागत सीटों पर अपनी सियासी विरासत किसे सौंपेगा.

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गांधी परिवार ने अमेठी और रायबरेली से संभावित उम्मीदवारों को लेकर अपना मन बना लिया है. अमेठी सीट पर ब्राह्मण परिवार की एक ऐसी तेज -तर्रार महिला नेत्री आराधना मिश्र मोना को उम्मीदवार बनाने की तैयारी है, जिसके परिवार ने सियासी रसूख होने के बावजूद मुश्किल वक़्त में भी कांग्रेस पार्टी का साथ नहीं छोड़ा. यह महिला नेत्री लगातार तीन बार से विधायक है.

अमेठी और रायबरेली के पास की रहने वाली हैं और इनके पिता प्रमोद तिवारी भी कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा के सांसद हैं. सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस हाईकमान ने यूपी में पार्टी में विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र मोना से अमेठी सीट से चुनावी तैयारियों में जुट जाने को कहा है.

दरअसल आराधना मिश्र मोना के ज़रिये गांधी परिवार अमेठी की अपनी परंपरागत सीट को बीजेपी के कब्जे से वापस छीनने की फिराक में है. बीजेपी ने वहां केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस पार्टी आराधना मिश्र मोना को मैदान में उतारकर लड़ाई को महिला बनाम महिला करना चाहती है.

प्रतापगढ़ में जन्मी और वहीं की रामपुर सीट से लगातार तीसरी बार विधायक आराधना तेज तर्रार और जुझारू छवि की हैं. उन्हें स्थानीय होने का भी फायदा मिल सकता है, क्योंकि उनका चुनाव क्षेत्र अमेठी की सीमा से सटा हुआ है. आराधना को कांग्रेस के परंपरागत वोटों के अलावा जातीय समीकरण में भी फिट माना जा रहा है. उनके चुनाव लड़ने से ब्राह्मण समेत सामान्य वर्ग के तमाम वोटर भी कांग्रेस के पक्ष में खड़े नज़र आ सकते हैं.

आराधना का सेलेक्शन खुद सोनिया और प्रियंका ने किया
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ आराधना का सेलेक्शन खुद सोनिया और प्रियंका गांधी ने किया है. हालांकि गांधी परिवार ने आराधना मिश्र मोना को यह विकल्प भी दिया है कि अगर वह चाहें तो अमेठी के बजाय रायबरेली की सीट से भी चुनाव लड़ सकती हैं. वैसे गांधी परिवार यही चाहता है कि मोना राहुल गांधी की सीट अमेठी से ही स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ें.

हालांकि पार्टी के कुछ नेताओं का सुझाव है कि आराधना अभी विधायक हैं, लिहाजा उन्हें लोकसभा का चुनाव न लड़ाया जाए. अगर वह सांसद चुनी जाएंगी तो रामपुर सीट पर विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस का अपनी सीट बचा पाना कतई आसान नहीं होगा.

यूपी की कमेटी ने रायबरेली और अमेठी को लेकर फैसला गांधी परिवार पर ही छोड़ दिया है. गांधी परिवार ने तिवारी परिवार की बेटी आराधना को यह संकेत दिए हैं कि इस बार परिवार का कोई सदस्य यूपी से चुनाव नहीं लड़ेगा, लिहाजा अमेठी या रायबरेली में किसी एक सीट की सियासी विरासत उन्हें ही सौपी जाएगी.

कौन हैं आराधना मोना मिश्रा!
आराधना मिश्र मोना राज्यसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी हैं. प्रमोद तिवारी दूसरी बार राज्यसभा के सदस्य हैं. इससे पहले वह एक ही पार्टी और एक ही सीट से लगातार नौ बार विधायक चुने जाने की वजह से वर्ल्ड रिकार्ड कायम कर चुके हैं.

 

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