आबकारी ‘घोटाला’: केजरीवाल को नहीं मिली गिरफ्तारी से राहत….

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में दंडात्मक कार्रवाई से कोई संरक्षण देने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने संरक्षण के अनुरोध संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) नेता केजरीवाल के आवेदन को 22 अप्रैल को आगे के विचार के लिए सूचीबद्ध किया है। समन को चुनौती देने वाली उनकी मुख्य याचिका पर भी उसी दिन (22 अप्रैल) सुनवाई होगी।
पीठ ने कहा, ‘‘हमने दोनों पक्षों को सुना है और हम इस स्तर पर (संरक्षण देने के लिए) इच्छुक नहीं हैं। प्रतिवादी जवाब दाखिल करने के लिए स्वतंत्र है।’’ अंतरिम राहत के लिए आवेदन केजरीवाल की उस याचिका का हिस्सा है जिसमें पूछताछ के लिए उन्हें जारी किए गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को चुनौती दी गई है। केजरीवाल ने ईडी द्वारा जारी नौवें समन के मद्देनजर अदालत का रुख किया है। नौवें समन में केजरीवाल को बृहस्पतिवार को पेश होने के लिए कहा गया है।

सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वरिष्ठ वकील ने आज के लिए जारी समन को स्थगित करने का अनुरोध किया। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कहा, ‘‘पेश होने का समय समाप्त हो गया है। वह उपस्थित नहीं हो रहे हैं।’’ केजरीवाल ने समन को बार-बार अवैध बताते हुए संघीय धनशोधन रोधी एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार किया है।

यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तैयार करने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है। इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। मामले में ‘आप’ नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है।

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