पटना। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे से नाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्य में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव अली अशरफ फातमी ने मंगलवार को पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
फातमी ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे अपने त्याग पत्र में कहा है कि वह नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए जदयू के सभी पदों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं । उन्होंने बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार में नीतीश-तेजस्वी की एक अच्छी जोड़ी सरकार चला रही थी, जो धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक थी। इसे हटाने की जरूरत नहीं थी। अचानक पाला बदलने से पार्टी के कार्यकर्ता और बिहार की जनता भी नाराज है।
गौरतलब है कि सोमवार को राजग के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे की घोषणा में दरभंगा और मधुबनी संसदीय सीट भारतीय जनता पार्टी को मिली है । इसके कारण इन दोनों निर्वाचन क्षेत्र से श्री फातमी को टिकट मिलने की संभावना खत्म हो गई थी, जिसे महसूस करते हुए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। राजनीतिक गलियारे में श्री फातमी के राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि महागठबंधन की ओर से उन्हें लोकसभा चुनाव में दरभंगा या मधुबनी सीट से प्रत्याशी बनाया जा सकता है । राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के एक समय करीबी रहे श्री फातमी चार बार दरभंगा से सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं । बाद में 2019 में उन्हें पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के प्रति अनादर दिखाने के लिए राजद से निलंबित कर दिया गया था।