बरेली: सरकार ने विदेशी नस्ल की कुछ प्रजातियों के कुत्तों की बिक्री और प्रजनन पर रोक लगाने की तैयारी चल रही है। इनमें पिटबुल जैसी हिंसक प्रजाति के कुत्ते भी शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार नगर निगम में विदेशी नस्ल के 87 और देसी के 37 कुत्तों का पंजीकरण है। निगम ने कुत्तों के पंजीकरण का अभियान चलाया, लेकिन कुत्ते पालने के शौकीनों ने इनका पंजीकरण नहीं कराया। शहर में बिना पंजीकरण के पिटबुल प्रजाति के कुत्ते पाले जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने पिटबुल टेरियर, अमेरिकन बुलडॉग, राटविलर व मास्टिफ्स सहित खूंखार कुत्तों की 23 नस्लों की बिक्री और प्रजनन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है, जबकि विशेषज्ञ समिति ने ऐसी नस्ल के कुत्तों के आयात पर रोक लगाने की सिफारिश की है। सरकार ने निर्देश दिया है कि ऐसी नस्ल के कुत्तों के प्रजनन पर रोक लगाते हुए ऐसी संस्थाओं को लाइसेंस जारी नहीं किए जाएं। कहा कि जिन लोगों ने प्रतिबंधित प्रजाति के कुत्तों को पाल रखा है, उनका बधियाकरण किया जाए।
शहर में राजेन्द्र नगर, ग्रीन पार्क कालोनी, इज्जतनगर, महानगर आदि कॉलोनियों में हिंसक प्रजातियों के कुत्तों को पाल रखा है। देश और प्रदेश में पिटबुल प्रजाति के कुत्तों की वजह से हुई घटनाओं के बाद नगर निगम ने कुत्तों के पंजीकरण कराने का अभियान चलाया था। अभी तक कुत्तों का पंजीकरण शुल्क 10 रुपये है।
पंजीकरण राशि बढ़ाने का प्रस्ताव अफसरों ने तैयार किया था। इसके लिए 500 रुपये पंजीकरण राशि तय की गई थी। इसे नगर निगम कार्यकारिणी ने पास भी कर दिया था लेकिन बोर्ड बैठक में सदस्यों ने राशि को ज्यादा बताते हुए इस मामले में जनता से आपत्ति लेने की बात कही। इस समय कुल 124 कुत्तों का पंजीकरण है। इनमें 70 फीसदी जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर आदि विदेशी नस्ल और 30 फीसदी देसी और मिश्रण प्रजाति के कुत्ते शामिल हैं।
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