AAP और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बनी बात…

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने भले ही पंजाब में अलग-अलग चुनाव लड़ने का एलान किया हो लेकिन राजधानी दिल्ली की सभी सात सीटों पर गठबंधन लगभग फाइनल हो गया है. दोनों ही पार्टियों की ओर से जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगा. सीट शेयरिंग के फॉर्मूले के तहत सत्तारूढ़ आप (AAP) यहां की चार सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि कांग्रेस तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उचार सकती है.

बता दें कि शुरुआत में आप ने कांग्रेस को केवल एक सीट ऑफर की थी और उसके जवाब का इंतजार किया जा रहा था. हालांकि आखिरी दौर की बातचीत में 4:3 पर बात लगभग तय हो गई है.

सीट शेयरिंग के तहत कांग्रेस के हिस्से में उत्तर पूर्व दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर पश्चिम दिल्ली पर सहमति बनी है जबकि आम आदमी पार्टी नई दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिण दिल्ली सीट से चुनाव लड़ेगी. बता दें कि दिल्ली की सभी सात सीटों पर पिछले दो चुनावों से बीजेपी का दबदबा है और यहां के सभी सांसद बीजेपी के हैं.

जान लें दिल्ली की सीटों का इतिहास
2019 के लोकसभा चुनाव में चादंनी चौक से हर्षवर्धन सांसद हैं. उत्तर पूर्व दिल्ली से मनोज तिवारी, पूर्वी दिल्ली से गौतम गंभीर, नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से हंस राज हंस, पश्चिमी दिल्ली से परवेश वर्मा और दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधुड़ी सांसद हैं. चांदनी चौक सीट पर हर्षवर्धन 2014 से सांसद हैं. 2019 के चुनाव में उन्हें 52.94 फीसदी वोट मिले थे और उन्होंने कांग्रेस के जयप्रकाश अग्रवाल को हराया था. पूर्वी दिल्ली से गौतम गंभीर ने आप की आतिशी और कांग्रेस अरविंदर सिंह लवली को हराया था. गौतम को 55.35 फीसदी वोट मिले थे. नई दिल्ली सीट पर 2019 में मीनाक्षी लेखी को 54.77 फीसदी वोट मिले थे और उन्होंने कांग्रेस के अजय माकन को हराया था.

कांग्रेस के कद्दावरों को मात दे चुके हैं BJP के प्रत्याशी
उत्तर पूर्व दिल्ली से मनोज तिवारी दो बार से सांसद हैं. उन्होंने 2019 के चुनाव में दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित को हराया था. मनोज तिवारी को  53.9 फीसदी वोट मिले थे. उत्तर पश्चिमी दिल्ली में मुकाबला रोचक था क्योंकि कांग्रेस से बीजेपी में आए हंस राज हंस को उम्मीदवार बनाया गया  था और वह उदित राज के खिलाफ उतारे गए थे जो कि 2014 में बीजेपी के टिकट से इसी सीट से निर्वाचित हुए थे. लेकिन 2019 में उदित ने बीजेपी छोड़ दी थी. हंस राज हंस को 60.49 फीसदी वोट मिले थे.

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