सुकन्या समृद्धि योजना: 31 मार्च तक नहीं किया ये काम तो लगेगी पेनल्टी…

विभिन्न छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना और एनपीएस के निवेशकों को पेनल्टी समेत अन्य नुकसान हो सकते हैं. अगर आपका भी इनमें से किसी स्कीम में अकाउंट है, लेकिन इस फाइनेंशियल ईयर में आपने अब तक इसमें पैसे जमा नहीं किए हैं, तो एकाउंट को एक्टिव मतलब चालू रखने के लिए आपके पास 31 मार्च तक का ही समय है. अगर आप मिनिमम एनुअल डिपॉजिट करने से चूक जाते हैं तो आपका खाता फ्रीज हो सकता है. साथ ही, जुर्माना भरना पड़ सकता है. और तो और टैक्स बचाने से भी महरूम रह सकते हैं.

देर करने पर हो सकते हैं ये नुकसान
पीपीएफ, एनपीएस और सुकन्या समृद्धि योजना में मिनिमम डिपॉजिट की लास्ट डेट हर फाइनेंशियल ईयर की 31 मार्च होती है. यानी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ये तारीख 31 मार्च 2024 है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड रूल्स 2019 के मुताबिक, PPF खाता रखने वालों को हर वित्त वर्ष में खाते में कम से कम 500 रुपये जमा करना जरूरी है. मिनिमम रकम जमा नहीं होने पर पीपीएफ अकाउंट डिसकंटीन्यू मतलब बंद हो जाएगा.

पीपीएफ के लिए जरूरी मिनिमम निवेश
खाता बंद होने पर लोन और पार्शियल विड्रॉल यानी आंशिक निकासी की सुविधा नहीं मिलेगी. यही नहीं, ऐसे खाते को पूरी तरह से बंद किए बगैर आप अपने नाम से दूसरा खाता भी नहीं खोल सकेंगे. बंद पीपीएफ खाते को फिर से चालू किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको हर साल के हिसाब से 50 रुपये जुर्माना देना होगा. जुर्माने के साथ व्यक्ति को एनुअल मिनिमम डिपॉजिट के 500 रुपये भी जमा करने होंगे. मिनिमम डिपॉजिट नहीं भरने पर अगर खाता बंद होता है तो दोबारा चालू कराने के लिए आपको हर साल के लिए 550 रुपये देने पड़ेंगे.

सुकन्या में इतना मिनिमम निवेश
लाडली बिटिया के करियर और शादी के पैसों के इंतजाम के लिए सुकन्या समृद्धि योजना को अच्छा विकल्प माना जाता है. सुकन्या समृद्धि योजना में अगर आपका अकाउंट है तो हर साल मिनिमम 250 रुपये जमा करने होते हैं. अगर आप ये पैसा जमा नहीं करते हैं तो अकाउंट डिफॉल्ट माना जाता है. अकाउंट दोबारा चालू करने के लिए 50 रुपये प्रति वर्ष का जुर्माना देना पड़ेगा. साथ ही, हर साल के हिसाब से 250 रुपये का मिनिमम डिपॉजिट करना होगा.

इन योजनाओं के टैक्स से जुड़े फायदे
अगर आप फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स भरने की सोच रहे हैं तो पीपीएफ और सुकन्या जैसी स्कीम में निवेश टैक्स बचाने का मौका देता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत पीपीएफ और सुकन्या में निवेश पर डेढ़ लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है. 80 सी के तहत डिडक्शन का फायदा उठाकर टैक्स का बोझ कम करने के लिए 31 मार्च 2024 तक निवेश करना जरूरी है. हर फाइनेंशियल ईयर के लिए टैक्स सेविंग से जुड़ा इन्वेस्टमेंट करने की लास्ट डेट 31 मार्च होती है. इस डेट तक इन्वेस्टमेंट नहीं करने पर उस फाइनेंशियल ईयर में डिडक्शन क्लेम नहीं कर पाएंगे.

न्यू टैक्स रिजिम में हुए हैं ये बदलाव
सरकार ने न्यू टैक्स रिजिम को आकर्षक बनाया है. 1 अप्रैल 2023 से न्यू टैक्स रिजिम के तहत इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है. बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट ढाई लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की गई है. इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन को शामिल किया गया है. इसके बाद अब न्यू रिजिम में 7 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं है.

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