श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के नये महंत बने शंकरपुरी, महानिर्वाणी अखाड़े ने की घोषणा

वाराणसी । श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के नये महंत शंकर पुरी बनाये गये। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव रविन्द्रपुरी ने सर्वसम्मति से इसकी घोषणा कर दी। मंगलवार को मंदिर में महंती और चादर पोशी की रश्म अदायगी के बाद शंकर पुरी को महंती गद्दी पर आसीन कराया गया।

शंकर पुरी ने महंत बनने के पूर्व मां अन्नपूर्णा की साविधि पूजन अर्चन किया। इस दौरान मंदिर में देश भर से विभिन्न मठ मंदिरों से आये संत ,महात्मा,पीठाधीश्वर भी मौजूद रहे। गद्दी आरोहण कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद नये महंत शंकर पुरी ने कहा कि मंदिर में चल रहे जन सरोकार के कार्यों की परम्परा को निरंतर आगे बढ़ायेंगे। समाज के दुख-सुख में मंदिर सदैव साथ खड़ा रहेगा।

स्व.महंत रामेश्वर पुरी महाराज के जनसरोकार कार्यो को वरियता देकर सम्पन्न करायेंगे। मंदिर में स्वर्गीय महंत रामेश्वर पुरी के षोडसी भंडारा और श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भी बड़ी संख्या में सन्तों ने भागीदारी की। काशी अन्नपूर्णा अन्नक्षेत्र ट्रस्ट ने भंडारे में आये संतों, दंडी स्वामियों और आम श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महंत रामेश्वरपुरी के निधन पर ट्वीट कर शोक जताया था। वाराणसी दौरे में आये मुख्यमंत्री मठ मंदिर में पहुंच कर महंत के पुत्र शंकरपुरी और अन्य संतों से मिले थे और शोक जताने के बाद महंत के चित्र पर श्रद्धासुमन भी अर्पित किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक शोक संदेश फिर अन्नपूर्णा मंदिर प्रशासन को मिला है। मंदिर के उप महंत अब महंत शंकर पुरी के नाम 12 जुलाई को लिखे गए इस पत्र में प्रधानमंत्री ने शोक जताया है।

उन्होंने लिखा है कि महंत रामेश्वरपुरी जी के देहावसान के बारे में जानकार अत्यंत दुःख हुआ। इस मुश्किल समय में मेरी संवेदनाएं शुभचिंतकों के साथ है। उन्होंने लिखा है कि महंत रामेश्वरपुरी का जीवन धर्म और आध्यत्म को समर्पित था। उनके कुशल नेतृत्व में काशी अन्नपूर्णा अन्नक्षेत्र ट्रस्ट द्वारा लोक कल्याण के लिए अनवरत प्रयास किए गए।

उन्होंने सदैव लोगों को सामाजिक कार्यों के लिए प्रेरित किया। उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति हैं। प्रधानमंत्री ने ईश्वर से प्रार्थना कर लिखा है कि भगवान दिवंगत आत्मा को शांति दे और इस कठिन घड़ी में शोक संतप्त शुभचिंतकों को दुःख सहन करने का धैर्य और संबल प्रदान करें। बताते चलें कि, मंहत रामेश्वर पुरी कोरोना संक्रमित होने के बाद से लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। बीते 10 जुलाई को महंत जी ब्रह्मलीन हो गये

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