सरकार ने गेहूं की महंगाई रोकने के लिए उठाया ये बड़ा कदम…

कल केंद्र सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है जिससे सवाल उठा है कि क्या देश में गेहूं के महंगा होने के आसार बन रहे हैं? हालांकि देश में गेहूं की कीमतें पिछले कुछ समय से स्थिर बनी हुई हैं क्योंकि भारत सरकार ने मई, 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद देश में गेहूं की घरेलू मांग के लिए पर्याप्त सप्लाई मौजूद है. इसके आधार पर सरकार ने जनवरी में भी कहा कि गेहूं, चावल और चीनी के एक्सपोर्ट पर लगा बैन जारी रहेगा. यहां जानिए आखिर केंद्र सरकार ने गेहूं को लेकर क्या कदम उठाया है-

केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट घटाकर आधी कर दी
केंद्र सरकार ने जमाखोरी पर लगाम लगाने और कीमत में बढ़ोतरी को रोकने के लिए बीते कल थोक कारोबारियों, बड़े रिटेल सेलर और प्रसंस्करणकर्ताओं (प्रोसेसर्स) के लिए गेहूं भंडार रखने (गेहूं की स्टॉक लिमिट) के मानदंडों को सख्त कर दिया है. खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, कारोबारियों और थोक विक्रेताओं को अब 1000 टन के बजाय 500 टन तक गेहूं का स्टॉक रखने की अनुमति है. बड़ी श्रृंखला के रिटेल दुकानदार प्रत्येक बिक्री केन्द्र में पांच टन और अपने सभी डिपो में 1000 टन के बजाय कुल 500 टन गेहूं का स्टॉक ही रख सकते हैं.

मार्च तक लागू रहेगी गेहूं के भंडारण पर स्टॉक लिमिट
फूड मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि प्रसंस्करणकर्ताओं (प्रोसेसर्स) को अप्रैल 2024 तक बचे महीनों में अपनी मासिक स्थापित क्षमता के 70 फीसदी के बजाय 60 फीसदी को बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी. फूड सेफ्टी का प्रबंधन करने और जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के लिए गेहूं पर स्टॉक सीमा 12 जून, 2023 को लागू की गई थी, जो इस साल मार्च तक लागू रहेगी.

Check Also

नोटबंदी से हुआ ये फायदा…

नई दिल्ली : भारत सरकार ने साल 2016 के नवंबर महीने में 500 और 1000 …