रायपुर। दुर्ग जिले के पाटन थाना क्षेत्र में शनिवार को 5 लोगों की संदिग्ध हालत में हुई मौत से पर्दा उठ गया है। पुलिस को सुसाइड नोट मिला है जिसमें बताया गया है कि परिवार के मुखिया पर दस लाख का कर्ज था। कर्ज की रकम वापस करने के लिए देनदार काफी दबाव बना रहे थे। पत्र में इनमें से कुछ लोगों के नाम का भी उल्लेख किया गया है। उल्लेखनीय है कि दुर्ग जिले के मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र पाटन ब्लाक के ग्राम बठेना में शनिवार दोपहर एक किसान परिवार के 5 लोगों की लाशें संदिग्ध अवस्था में मिली। मृतक राम ब्रज गायकवाड (52) एवं उसके पुत्र संजीव गायकवाड (24) की लाश जहां फांसी से लटकी हुई मिली, वहीं इसी परिवार की तीन महिलाओं जानकी बाई (47), दुर्गा गायकवाड (28) और ज्योति गायकवाड (21) के शव खेत के पैरावेट में बुरी तरह झुलसी अवस्था में मिले। शनिवार रात पुलिस को इस मामले में पांच पेज का सुसाइड नोट मिला है जिसमें बताया गया है कि परिवार के मुखिया पर दस लाख का कर्ज था और काफी समय से आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। कर्ज से उबरने के लिए उसने अपनी 11 एकड़ जमीन भी बेच दी। इसके बावजूद समस्या बनी रहने के बाद आखिरकार यह कदम उठाया। पत्र में जिक्र किया गया है कि उसने जिन लोगों से कर्ज लिया था, वे कर्ज की रकम वापसी के लिए काफी दबाव बना रहे थे। इसमें पांच लोगों के नाम भी दिये गए हैं। पुलिस को जबतक सुसाइड नोट नहीं मिला था, उस समय भी आशंका जतायी जा रही थी कि बहुत ज्यादा कर्ज के कारण पिता-पुत्र ने पहले परिवार की महिलाओं को बांधकर जला दिया और बाद में दोनों फांसी पर झूल गए। मृतक परिवार सब्जी का व्यवसाय करता था। शनिवार को इस मामले में नेता प्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक ने गृहमंत्री से घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी। इस मामले में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने इंजेलीजेंस जांच के निर्देश दिये थे। गृहमंत्री ने आईजी इंटिलिजेंस एवं एसपी दुर्ग से फोन पर बात की और जांच के लिए टीम गठित कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।