
कुशीनग। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में गन्ने की वैज्ञानिक खेती करने से पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी। गन्ने की 80 फीसद बढ़वार बरसात के दिनों में ही होती है। समय से पूर्व बारिश होने से इस बार मई जून से गन्ने में तेजी से वृद्धि हो रही है। अधिक बढ़वार से गन्ने की पौध लंबी और मोटी हो जाती है, जो तेज हवा के कारण गिर जाती है। इससे उत्पादन 20 से 30 प्रतिशत घट जाता है। अधिक उत्पादन के लिए फसल को गिरने से बचाने का उपाय करें। यह बातें एक प्रेस वार्ता में जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि गन्ना गिरने से उसकी पत्तियां एक दूसरे को ढंक देती हैं इससे शर्करा संचयन प्रभावित हो जाता है। किसान हरी पत्तियों को काट कर जानवरों को कदापि न खिलावें। बोआई के समय गहरी नालियों में ही गन्ने की बोआई करें तभी गिरने से बचाव संभव है। कोशा 8275, 8272, 9293, कोलक 94184, को.118, कोसे 8452, 8436 आदि गन्ने की ऐसी प्रजाति है जो कम गिरती है। इसकी बोआई किसानों के लिए अधिक उपयुक्त रहेगी।
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