नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे और इसको लेकर हंगामा करने के कारण विपक्षी दलों के सदस्यों के निलंबन की कार्रवाई को लेकर लोकसभा में आज भी जमकर हंगामा हुआ जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका और अध्यक्ष ओम बिरला को सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर, नारे लगाते हुए और प्रधानमंत्री का फोटो लहराते हुए आसन के सामने आ गए और नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का अध्यक्ष ने प्रयास किया लेकिन सदस्य जोर-जोर से नारे लगाने लगे। अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को हंगामा नहीं करने और नियमों से सदन की कार्यवाही चलते रहने का आग्रह किया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।
उन्होंने कहा “यह सदन आपका है। सदन नियम और परिपाटी से चलता है। नियम आपने ही बनाए हैं। आपने भी कहा था कि सदन में तख्तियां लेकर नहीं आना है। तख्तियां लेकर आएंगे तो सदन नहीं चलेगा। मैं किसी सदस्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहता हूं लेकिन सदन में मर्यादा बनाए रखना जरुरी है, क्योंकि सदन नियम और व्यवस्था से ही चलता है। पूरा देश सदन की कार्यवाही देख रहा है। देश का यह सर्वोच्च लोकप्रिय सदन है लेकिन आप सदन की मर्यादा को तोड़ रहे हैं, नियम से सदन को नहीं चलने दे रहे है और व्यवस्था तथा परंपरा को तोड़ रहे हैं इसलिए आपको अंतिम चेतावनी दे रहा हूं कि आसन के सामने कोई सदस्य तख्तियां लेकर नहीं आए।”
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सदस्य सदन में प्रधानमंत्री का चित्र लेकर जिस तरह से व्यवहार कर रहे हैं वह अमर्यादित और नंदनीय है। सदन में सदस्यों का यह व्यवहार उचित नहीं है। बिरला ने हंगामे के बीच सदन चलाने का प्रयास किया लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी और उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।
राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित
विपक्षी सदस्यों के हंगामे और शोरगुल के कारण आज राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य घनश्याम तिवाड़ी को सदन की ओर से जन्म दिन की शुभकामनायें दिये जाने के बाद आवश्यक दस्तावेजों को सदन पटल पर रखवाये। इस दौरान विपक्षी सदस्य अपने 45 सदस्यों के निलंबन को लेकर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को सभापति ने कहा कि आप एक वरिष्ठ राजनेता हैं और 10 वर्ष तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। आपका आचरण अनुभव के अनुसार होना चाहिए। इसके बाद सिंह हंगामे और शोरगुल में ही बोलते रहे।
हालांकि सभापति ने कहा कि हंगामा कर रहे और अपने स्थान पर नहीं मौजूद सदस्यों की कोई भी बात रिकार्ड नहीं होगी। इसी दौरान सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि हंगामा कर रहे सदस्यों की बात रिकार्ड पर नहीं जानी चाहिए। धनखड़ ने कहा कि ऐसे सदस्यों की बातों को कार्यवाही से निकाल दिया जायेगा। इस दौरान सभापति ने कहा कि युवा सदस्यों को सदन की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।