कानपुर,संवाददाता। फर्जी एसटीएफ दरोगा बनकर लूटपाट करने वाले शातिर जितेन्द्र परिहार उर्फ शैलेन्द्र को कानपुर से निकालने में उसकी बहन ने मदद की थी। वह हैलट से भागने के बाद फर्जी एसटीएफ दरोगा बनकर ही टाटमिल के एक होटल में पहुंचा था। यहां बिना आईडी और बिना पैसों के कमरा भी लिया। कोई उसे जीटी रोड पर पैसे देने भी पहुंचा था।
10 नवंबर को उरई पुलिस से शातिर जितेन्द्र परिहार की मुठभेड़ हुई थी। उस दौरान उसके पैर पर गोली लगी। गोली लगने के बाद उसे रविवार देर रात हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से सोमवार सुबह वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। वहां से भागने के बाद आरोपित टाटमिल चौराहे पर बने होटल यश पैलेस पहुंचा। वहां पर मैनेजर को खुद को एसटीएफ का दरोगा बताया और कहा कि उसका एक्सीडेंट हो गया था वह एक मिशन पर था और उसे थोड़ी देर के लिए एक कमरा चाहिए। पुलिस वाला समझकर मैनेजर ने उससे डर के मारे आईडी नहीं मांगी न ही उससे रूम का किराया लिया। सुबह लगभग 8:20 बजे वह होटल पहुंचा था और 9:15 बजे वहां से निकल भी गया।
होटल स्टॉफ के फोन से बहन को किया फोन
जितेंद्र ने होटल के ही एक स्टॉफ का फोन लेकर जगम्मनपुर जालौन निवासी अपनी बहन को फोन किया। उसने स्टॉफ के सामने बहन से ऐसे बात की जैसे किसी दूसरे पुलिस वाले से बात कर रहा हो। फोन पर उसने कहा कि भाई मुझे कुछ पैसे भिजवा दें। सड़क हादसे में पर्स कहीं गिर गया है। इसके बाद उसने वह नम्बर डिलीट करके होटल स्टॉफ को फोन वापस कर दिया। होटल से निकलने के बाद वह जीटी रोड पर ही आगे बढ़ा इस दौरान उसने एक रिक्शा किया और एक नम्बर प्लेटफार्म वाले मोड़ पर एक व्यक्ति से रुपये लिए। जो वहां पहले से उसका इंतजार कर रहा था। यहां से आरोपित ने अपना मूवमेंट कुछ ऐसा बनाया कि कम से कम सीसी टीवी कैमरों में कैद हो।
एक घंटे बाद पहुंची पुलिस
उरई पुलिस और एसओजी की एक टीम सोमवार को 10:25 बजे होटल पहुंची। उन लोगों ने होटल स्टॉफ और मैनेजर को जितेन्द्र की फोटो दिखाई। तो उन लोगों ने शिनाख्त कर ली। साथ ही बताया कि वह घंटा भर पहले ही निकला है। पुलिस टीम ने उसे तलाशा मगर वह मिला नहीं।
छह माह पहले दो महिलाओं के साथ आया था आरोपित
होटल मैनेजर ने बताया कि छह माह पहले जितेन्द्र परिहार दो महिलाओं के साथ होटल आया था। तब भी उसने डेढ़ घंटे के लिए रूम लिया था। यहां से फ्रेश होने के बाद जब वह निकल रहे थे। तब होटल मैनेजर ने उन्हें बात करते सुना था। तीनों कचहरी जाने की बात कहकर होटल से निकल गए। उस दौरान भी यह बिना आईडी और भुगतान के होटल में रुका था।
