प्रधानमंत्री ने की नीतीश की आलोचना…..
मुरैना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनसंख्या नियंत्रण के संदर्भ में विधानसभा में की गई बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टिप्पणी को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि महिलाओं के प्रति इतने अनादर के बावजूद विपक्षी गुट ‘इंडिया’ के घटक दलों ने उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला ।
मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि कल ‘इंडी गठबंधन’ के बड़े नेताओं में से एक, जो ब्लॉक का झंडा ऊंचा रख रहे हैं, और वर्तमान सरकार (केंद्र में) को हटाने के लिए तरह-तरह के खेल खेल रहे हैं, उन्होंने माताओं-बहनों की उपस्थिति में राज्य विधानसभा में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता…उन्हें इसके लिए शर्म तक महसूस नहीं हुई।
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गुना में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के एक भी नेता ने महिलाओं के इस अपमान के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसी दृष्टि रखने वाले आपका मान-सम्मान कैसे रखेंगे? वे कितना नीचे गिरेंगे? देश के लिए कितनी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। मैं आपका मान-सम्मान सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा।’’
देश भर में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन योजना दिसंबर के बाद भी जारी रखने के अपने वादे का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह इस मुद्दे पर उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग से शिकायत करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अगले पांच वर्षों तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन योजना जारी रखने के लिए सब कुछ करूंगा। उन्हें (कांग्रेस) मेरे खिलाफ दुनिया की किसी भी अदालत में जाने दो।’’
मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार एक ऐसी नीति पर काम कर रही है जिसके तहत हर घर में सौर ऊर्जा के जरिए बिजली पैदा की जाएगी। घरेलू खपत के बाद बची अतिरिक्त बिजली सरकार द्वारा खरीदी जाएगी और इस प्रकार देश का प्रत्येक नागरिक बिजली उत्पादक बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर पूर्व सैनिकों को ‘वन रैंक वन पेंशन’ (ओआरओपी) के लाभ से वंचित रखने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने लंबित योजना को लागू किया और पात्र लोगों को 70,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया। मोदी ने विपक्षी दल पर सत्ता में रहते हुए देश की सुरक्षा के साथ राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 2006 के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सोचती है कि देश के संसाधनों पर पहला दावा मुसलमानों का है, जबकि उनकी सरकार के लिए समाज के गरीबों और वंचित वर्गों पर इन पर पहला अधिकार है।
उन्होंने मुरैना में एक सार्वजनिक सभा में कहा, ‘‘जो आतंकवादी देश के जवानों का सिर काटकर अपने साथ ले जाते थे, उन्हें अब करारा जवाब मिल रहा है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ओआरओपी कार्यान्वयन की मांग को पूरा नहीं किया और इसके लिए केवल 500 करोड़ रुपये निर्धारित किए, जबकि वे अच्छी तरह से जानते थे कि यह राशि बहुत कम थी।
मोदी ने कहा, ‘‘2014 में जब भाजपा केंद्र में सत्ता में आई तो उसने पूर्व सैनिकों की लंबित मांग को पूरा किया और अब तक सरकार इस योजना के तहत उन्हें 70,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है।’’ ग्वालियर-चंबल संभाग, जहां मुरैना स्थित है, एक ऐसा क्षेत्र है जहां से बड़ी संख्या में युवा सशस्त्र बलों में शामिल होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने लड़कियों के लिए सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले और सीमा पर अग्रिम मोर्चे पर महिला अधिकारियों की तैनाती की सुविधा दी।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी हर गारंटी को पूरा करता है और ओआरओपी इसका उदाहरण है। कांग्रेस ने चार दशकों तक पूर्व सैनिकों की ओआरओपी की मांग पर ध्यान नहीं दिया। यह केवल झूठ बोलती है और झूठी गारंटी देती है।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र में भाजपा के 10 वर्षों के शासन के दौरान, मध्य प्रदेश सरकार का राज्य बजट 80,000 करोड़ रुपये से बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपये हो गया और जब कांग्रेस केंद्र में सत्ता में थी तो वह राज्य के लिए पर्याप्त धन आवंटित नहीं करती थी।