
नई दिल्ली । रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार को स्वदेश में विकसित कम वजन वाले ऐसी टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल का परीक्षण किया जिसे व्यक्ति के कंधे पर रख कर चलाया जा सकता है। इस सफल परीक्षण के साथ ही सेना द्वारा इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। रक्षा मंत्रालय ने मिसाइल के सफल परीक्षण को सरकार के ‘आत्मनिर्भर अभियान’ की दिशा में बड़ा कदम बताया। इस मिसाइल का विकास भारतीय सेना की लड़ाकू क्षमता विकसित करने के लिए किया जा रहा है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए और भारतीय सेना को मजबूत करने के लक्ष्य से डीआरडीओ ने स्वदेश में विकसित कम वजन वाली, दागो और भूल जाओ, मैन पोर्टेबल टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का 21 जुलाई को सफल परीक्षण किया।’’ बताया गया है कि मिसाइल को थर्मल साइट से जुड़े मैन-पोर्टेबल लांचर से दागा गया और निशाना एक टैंक जैसी वस्तु को बनाया गया। मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘मिसाइल ने उसपर सीधे-सीधे सटीक निशाना लगाया और उसे नष्ट कर दिया। न्यूनतम दूरी तक हमले का सफल परीक्षण हुआ। मिशन के सभी लक्ष्य पूरे हुए।’’ बताया जा रहा है कि अधिकतम दूरी की मारक क्षमता के लिए मिसाइल का पहले ही सफल परीक्षण हो चुका है। रक्षा मंत्रालय राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और मिसाइल परियोजना में शामिल अन्य पक्षों को बधाई दी।
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