मीरजापुर । नहरों की सफाई के लिए सिचाई विभाग द्वारा करोड़ों रुपये का बजट हर वर्ष खर्च किया जाता है, लेकिन नहरों की सफाई सिर्फ कागजों तक ही नजर आती है। इसका खामियाजा आम जनता व किसानों को भुगतना पड़ता है। जरगो जलाशय से निकली मेन नहर की सफाई नहीं हुई और सिचाई के लिए पानी छोड़ दिया गया। इसके चलते जलाशय से सटा हुआ खुटहा गांव में पानी भर गया। दर्जनों घरों में व किसानों के सैकड़ों बीघा खेतों में बुधवार को नहर का पानी जाने से ग्रामीणों ने विरोध किया। विरोध कर रहे लोगों को सिचाई विभाग के जेई त्रिपुरारी श्रीवास्तव ने समझा कर शांत कराया व नहर को बंद कर साईफन को साफ कराने का आश्वासन दिया।
क्षेत्र के खुटहा गांव में स्थित आर्य समाज मंदिर के पास लगा हुआ साईफन कई दिनों से जाम हो गया था। इसकी शिकायत कई बार स्थानीय लोगों ने विभाग के अधिकारियों से की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जब ग्रामीणों के खेतों के साथ घरों में पानी घुसना शुरू हुआ तो ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर जिला पंचायत सदस्य पंकज उपाध्याय मौके पर पहुंच गए और सिचाई विभाग के अधिकारियों को सूचना दी।
नहरों की सफाई हुई होती तो नहीं घुसता घरों में पानी
बारिश के मौसम से पूर्व सिचाई विभाग द्वारा नहरों की सफाई करा लिए जाने का प्रावधान है, लेकिन जलाशय के नहर व सायफन की सफाई नहीं हो सकी। 15 हजार हेक्टेयर खेतों की क्षमता वाले इतने बड़े जरगो जलाशय के मेन नहर की ही सफाई सिचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया है। इससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
बुधवार को खुटहा गांव में स्थित ग्रामीणों के घरों में नहरों का पानी ओवरफ्लो कर जब घुसने लगा तो एकबार ग्रामीणों को लगा कि बाण सागर का पानी बांध में अधिक आने से जलाशय भर तो नहीं गया, लेकिन जब बांध पर ग्रामीण पहुंचे तो देखा कि बांध अभी खाली है। नहर का साइफन जाम होने से घरों में पानी घुस रहा है।
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