अलीगढ़ संवाददाता। थाना चंदौस इलाके के कस्बा चंडोस में रविवार की देर रात राम बारात निकालने के दौरान मुस्लिम समुदाय के सैकड़ो लोगों ने धारदार हथियारों से लैस होकर राम बारात निकल रहे लोगों पर हमला बोल दिया था। मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा राम बारात निकालने के दौरान किए गए हमले में हिंदू समुदाय के कई लोग घायल हो गए थे। जिसके बाद हिंदूवादी संगठनों के लोगों में आक्रोश फैल गया और सैकड़ो की तादाद में हिंदूवादी नेताओं ने थाने का घेराव कार्यवाही की मांग की थी। तो वहीं समुदायों के बीच हुए बवाल की सूचना मिलते ही एसएसपी समेत कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। मौके पर पहुंची पुलिस दो समुदायों के बीच हुए विवाद के बाद पांच लोगों को हिरासत में लिया। जबकि घटना में शामिल एक व्यक्ति की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया हैं। तो वहीं दो समुदायों के बीच हुए बवाल के बाद एक मुकदमा पुलिस की तरफ से भी दर्ज कराया गया है। इस दौरान दो समुदाय के बीच हुए विवाद के बाद हिंदू वीडियो ने जिला प्रशासन और पुलिस को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि ईट का जवाब ईट से दिया जाएगा ओर अब याचना नहीं रण होगा?क्योंकि क्योंकि धरना तो नाम का है आगे अब युद्ध होगा। वहीं सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन कर हंगामा कर रहे हिंदूवादियों के आक्रोश को देखते हुए मौके पर बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया है। वहीं मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के चलते पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच में जुटी हुई है।
आपको बता दें कि राम बारात के मार्ग को लेकर दो समुदायों के बीच हुए विवाद में पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं घटना में घायल व्यक्ति से तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि एक मुकदमा पुलिस की तरफ से भी दर्ज किया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर थाने ले गई। जहां हिरासत में लिए गए पांचों लोगों से घटना को लेकर पूछताछ की जा रही है. वहीं, घटनास्थल पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है. रविवार देर रात चंदौस कस्बे में राम बारात पर हुए हमले को लेकर हिंदू समुदाय में नाराजगी है। हालांकि देर रात हिंदूवादी नेताओं के द्वारा थाने का घेराव कर हंगामा किया गया. अफसरों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गये. पीड़ित ने तहरीर देकर FIR दर्ज करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की थी. देर रात डीआईजी, एसएसपी और डीएम सहित कई बड़े अधिकारी मौके पर ग्रामीणों को समझने में जुटे थे. वही, रामलीला कमेटी ने ऐलान किया कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक रामलीला का आयोजन नहीं किया जाएगा, ऐसे में सोमवार को रामलीला के आयोजन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि राम बारात पर हुए हमले की वजह पुलिस और प्रशासन रूट का विवाद बता रहे हैं. रामलीला व मेला कमेटी के पदाधिकारी ने साफ किया है कि रूट का कोई विवाद नहीं है. 50 साल से इस रूट पर शोभायात्रा निकलती आ रही है. कभी कोई विवाद नहीं हुआ।
कमेटी के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि बीते दिनों थाना चंडौस में पीस कमेटी की बैठक हुई थी. जिसमें एसडीएम और क्षेत्राधिकार ने दोनों पक्षों के लोगों को बुलाया था. इस दौरान भी दूसरे पक्ष के लोगों से राम बारात के रूट को लेकर पूछा गया था। तो किसी ने भी कोई आपत्ति नहीं जताई थी। रामलीला कमेटी की ओर से 31 नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी गई है। कमेटी की ओर से कहा गया है कि प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए रूट से ही राम बारात की शोभायात्रा निकाली जा रही थी। शोभा यात्रा नगर भ्रमण के दौरान खैर अड्डा पर मस्जिद के सामने से गुजर रही थी। तभी मस्जिद में पूर्व से ही मौजूद लोगों ने एक राय होकर शोभायात्रा पर हमला कर दिया। उनके हाथों में लाठी, डंडे, फरसा, तलवार व तमंचे थे। मुस्लिम पक्ष के लोग इस जमीन को वक्फ बोर्ड में पंजीकरण का दावा करते हैं। जबकि हिंदूवादी इसे रामलीला कमेटी की जमीन बताते हैं। सरकारी अभिलेखों में यह जमीन नुजूल में दर्ज है। दोनों पक्षों की ओर से किसी भी न्यायालय में कोई दवा नहीं किया गया है।
07 साल पहले मुस्लिम पक्ष द्वारा जमीन पर दीवार बनवाने को लेकर विवाद हुआ था। वहीं, पुलिस प्रशासन ने इसे शांत कर दिया था। तीन साल पहले भी मुस्लिम समाज के लोगों ने गेट का निर्माण करना चाहा, जिसे हिंदूवादी लोगों ने विरोध किया. इस बार तत्कालीन एसडीएम ने पुलिस बल के साथ गए और गेट को हटवा कर मामले को शांत कराया।