लखनऊ:- विगत एक माह से उत्तरप्रदेश में कई जिले बुखार के संकट से जूझ रहे हैं। बुखार इतना वायरल है कि सरकारी अस्पतालों की ओपीडी ही नहीं, इमरजेंसी तक मरीजों से पटी पड़ी है। अधिंकांश मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो रही है। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचने वाले डेंगू पीड़ितों को इमरजेंसी में भर्ती होने के लिए बेड नहीं मिल रहें हैं। हालांकि शासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत पूरे जतन से इन परिस्थितियों को नियंत्रण करने में नाकाफी प्रयास करने में जुटे हैं।
इस साल डेंगी वायरस का प्रकोप ज्यादा है, गत वर्ष की अपेक्षा तीन गुना ज्यादा मरीज मिल रहें हैं। इस साल करीब डेंगू मरीजों की संख्या नौ हजार पार हो चुकी है, जबकि पिछले साल चार अक्टूबर तक करीब 2900 मरीज मिले थे। मरीजों की संख्या के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के 18 जिलों को संवेदनशील घोषित किया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.दीपा त्यागी का कहना है कि लखनऊ, मुरादाबाद, अलीगढ़ और गौतमबुद्ध नगर में सबसे ज्यादा मरीज मिल रहें हैं।
राजधानी में मैं स्वयं अस्पतालों का निरीक्षण कर रही हूं, अन्य जिलों संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों को नोडल बनाकर भेजा गया है। ये अधिकारी जिलों में अस्पतालों में बुखार के मरीजों की जांच की सुविधा, पैथोलॉजी में जांच उपकरण व रीजेन्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहें हैं। इसके अलावा अस्पतालों में बिस्तर व दवाओं की उपलब्धता को खास ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा डेंगू मरीज के इलाज में विभागीय प्रबन्धन का जायजा लिया जा रहा है।
क्योंकि डेंगू मरीजों में कई विभागों का समन्वय की आवश्यकता आन पड़ती है। साथ ही जिलों में मरीजों का डाटा, यूडीएसपी में अपडेट कराने पर जोर दिया जा रहा है। जिलों में निरीक्षण को गए अधिकारी 13 अक्टूबर को समीक्षा रिपोर्ट सौंपेंगे, जरूरत पड़ी तो संसाधन बढ़ाए जाएंगे। फिलवक्त इलाज संबन्धी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं, इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक बुखार के मरीजो के लिए विशेष हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
संवेदनशील जिले
गौतमबुद्ध नगर, मुरादाबाद,रामपुर, लखनऊ, अलीगढ़, बंदायू, बरेली, अंबेडकरनगर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद और कानपुर में डेंगू मरीज खासी संख्या में मिल रहें हैं। इसके अलावा अन्य किसी जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 10 से कम है
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