अलीगढ़: UCC लाकर सभी धर्मों के लोगों के माइंड को डाइवर्ट करने की जा रही कोशिश, की जा रही 2024 की तैयारी

(रिपोर्टर) अजय कुमार

द ब्लाट न्यूज़ UCC यानी समान नागरिक संहिता बिल को लेकर भारत में चारों तरफ चर्चाएं जारी हैं।वही भारत की अधिकांश मुस्लिम महिलाएं शादी तलाक प्रक्रियाओं के लिए एक ही कानून का समर्थन कर रही है। इसके साथ ही खास बात ये है कि अगर भारत में UCC बिल लागू होता है तो यह UCC बिल पर्सनल ला की जगह ले लेगा। यहीं कारण है कि अलीगढ़ के ऊपर कोट कोतवाली जामा मस्जिद में पहुंचे जमीयत उलेमा ए हिंद के महानगर अध्यक्ष मौलाना ने UCC यानी समान नागरिक संहिता कानून नहीं बनाए जाने की बात कही है। ओर कहा यदि यूसीसी कानून लागू होगा तो देश में कोहराम मच जाएगा। वहीं UCC बिल से मुसलमानों को होने वाले नुकसान बताते हुए कहा कि मजहब ने मुसलमानों को जो आजादी दी है, इस बिल के लागू होने के बाद मुसलमानों की वह आजादी खत्म हो जाएगी। वही आपको बता दे की अभी यूसीसी भारत में कब तक लागू होगा। इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हैं? लेकिन UCC को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है।

आपको बता दें कि यूपी के अलीगढ़ जिले की ऊपरकोट कोतवाली क्षेत्र के जामा मस्जिद में जमीअत उलमा शहर अलीगढ़ की तरफ से मुनाजिर ए इस्लाम हजरत मौलाना सैयद ताहिर हुसैन गयावी की मौत पर ऊपरकोट जामा मस्जिद में शहर मुफ्ती खालिद हमीद की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था। जहां श्रद्धांजलि देने के लिए ताजियती कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे जमीयत उलेमा-अलीगढ़ जिला अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद फाजिल कासमी ने यूसीसी समान नागरिकता कानून बिल को लेकर कहा कि भारत में यूसीसी कानून नहीं बनना चाहिए।ओर ये कानून लागू भी नहीं होना चाहिए। मुसलमानों को UCC बिल से होने वाले नुकसान बताते हुए कहा कि मजहब ने मुसलमानों को जो आजादी दी है, इस बिल के आने के बाद मुसलमानों की वह आजादी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। जबकि कुरान और हगीज उनके लिए मुद्दत हैं। इस पर उनके द्वारा अमल किया जाएगा। यही वजह है कि यूसीसी कानून बनाने से कुछ नहीं होगा। बल्कि कानून बनाए जाने से मुसलमानों को परेशानी और दुश्वरी होगी। ओर इससे देश में कोहराम मच जाएगा।

वहीं मुसलमानों के द्वारा ज्यादा बच्चे पैदा किए जाने को लेकर ओर जनसंख्या कानून बनाए जाने के सवाल पर कहा कि मौके पर खड़े इन सभी मुसलमानों के पूछा जाए, तो उनके पास दो से तीन बच्चे ही हैं। इससे ज्यादा बच्चे इन लोगों के पास नहीं है। जबकि बच्चों को लेकर अब मुसलमान भी पहले की अपेक्षा खासतौर पर जागरूक हो चुका है ओर अपने हालातों को जानता है। इसलिए जनसंख्या वृद्धि पर पाबंदी लगाना बिल्कुल भी मुनासिब नहीं होगा।जबकि निजाम ने इस्लाम पर जो कानून बनाया है। उसी पर ही उनके द्वारा अमल किया जाएगा।

वहीं मुफ्ती मोहम्मद अकबर कासमी जमीयत उलमा शहर अलीगढ़ अध्यक्ष का UCC कानून लागू किए जाने लेकर कहा इस वक्त की हुकूमत पर उन्हें बड़ी हंसी आ रही है। क्योंकि इस कानून को लाकर सभी धर्मों के लोगों के माइंड को डाइवर्ट किए जाने की कोशिश की जा रही है। वहीं कहावत हैं की पुराना शिकारी नया जाल लाया। ये 2024 चुनावों की तैयारी है और इससे कुछ होने वाला नहीं है। ऐसे में अगर ये लोग UCC लाकर सोच रहे हो कि हम मुस्लिम सिख ईसाई धर्म के लोगों का माइंड डाइवर्ट करके चाहते हो कि वह दुबारा अपना वोट बैंक बना लेंगे।तो इस बात को कानून लाने वाले लोग भूल जाएं।

जबकि हिंदुस्तान को गंगा जमुना तहजीब कहा जाता है। जिसमें सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलजुल कर खाते पीते ओर बिजनेस करते हैं। वहीं UCC को ला करके एक तरह से दिमाग को मुंतसिर करना हो गया।जो इनकी हिंदू मुस्लिम करने की बहुत बड़ी साजिश हैं।लेकिन इस साजिश को न हिंदू, न मुसलमान, न ईसाई और न सिख होने देंगे। क्योंकि इन सभी धर्मों के लोगों ने कानून लाने वाले लोगों की साजिश को समझ लिया। वहीं कहा कि इन्होंने तीन तलाक कानून पास कर दिया। इससे मुसलमानों पर क्या फर्क पड़ा और इन्होंने तीन तलाक कानून पास करके कौन सा किला फतह कर लिया।इसीलिए ये लोग UCC कानून को पास करते रहे। लेकिन मुसलमान अपने शरीयत के कानून को ही फॉलो करते रहेंगे। इसलिए ये कानून पास करते हैं करते रहे। कहा कि इस कानून के आने से मुसलमानों पर बहुत फर्क पड़ेगा। क्योंकि जिस तरह से मुसलमानों को उनके मजहब ने आजादी दी हैं। ओर उनका इस्लाम कहता है कि वह जिस मुल्क में रहते हो उस मुल्क के नियम कानूनों को फॉलो करो।ओर अपने मजहब के मुताबिक अपनी जिंदगी में लाने की कोशिश करो। जबकि हर शख्स को अपनी जिंदगी गुजारने की खुली आजादी है, वहीं शादी,ब्याह तलाक जैसी तमाम चीजों को लेकर UCC के जरिए एक साथ इन सभी चीजों को लागू कर देंगे। तो उससे हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी के लव अलग-अलग है।ऐसे में अगर सभी धर्मों के लॉ को एक जगह इकट्ठा कर देंगे। तो इससे हर धर्म के लोगों के सामने परेशानी खड़ी हो जाएगी। इससे इस मुल्क के लिए खतरा खड़ा हो जाएगा,जो ठीक नहीं है।

वही जनसंख्या कानून लाने को लेकर कहा कि भगवान जब देने पर आता है, तो छप्पर फाड़ कर देता है किसी घर में 10 बच्चे, चार बच्चे किसी के घर में दो बच्चे ओर किसी के घर में एक बच्चा है जिसको न हम रोक सकते हैं और न ही मौजूदा सरकार रोक सकती हैं।कहा कि मैं साफ शब्दों में कहता हूं अल्लाह के रसूल ने फरमाया है कि ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली औरत से ही शादी करो। इसके साथ ही कहा कि हम अपने रसूल के कानून को फॉलो करेंगे,इससे उनके ओर उनकी शरीयत ओर इस्लाम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ये इनकी सोच हैं इसलिए जनसंख्या कानून की सोच को यह लोग अपने पास ही रखें।

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