अलीगढ़: महाराजगढ़ सहित आधा दर्जन गांव में घुसा यमुना के बाढ़ का पानी, गांव बने ताल तलैया

(रिपोर्टर) अजय कुमार

द ब्लाट न्यूज़ जनपद अलीगढ़ की तहसील खैर क्षेत्र के हरियाणा राज्य की सीमा से सटे टप्पल ब्लॉक के कई गांवों में यमुना की बाढ़ का पानी पहुंचने के बाद गांवों में बाढ़ आने से किसान और स्थानीय ग्रामीण त्राहि-त्राहि मचाए हुए। टप्पल ब्लॉक के महाराजगढ़ सहित कई गांव में बाढ़ का पानी पहुंचने के बाद जिला प्रशासन के दावों की पोल हवा हवाई हो गई है। पानी से खीरा, सब्जियों सहित तमाम तरह की खेतों में खड़ी करीब 100 एकड़ से ज्यादा फसले बर्बाद हो चुकी है। लोग खाने-पीने को लेकर मोहताज होते हुए अपने पशुओं को चारे पानी की व्यवस्था करने में भी लगातार नाकाम साबित हो रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ के पानी से बचाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह की कोई व्यवस्था उनके लिए नहीं की। प्रशासन के लोग दारु पीकर आते हैं ओर बाढ़ पीड़ितों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट होने की बात कह खानापूर्ति कर चले जाते हैं। ऐसे में ग्रामीण अपने पशुओं को कहां लेकर जाए इनके लिए भी उनके पास पहुचने वाले प्रशासन के अधिकारियों को व्यवस्था करनी चाहिए।

वही यमुना की चपेट में आए बाढ़ पीड़ित ग्रामीण का कहना है कि बाढ़ का पानी गांव में घुसने के बाद प्रशासन के लोग टप्पल के जमुना इंटर कॉलेज में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर में जाने की बात बोलते हैं। लेकिन ऐसे में उनका मानना है कि जिला प्रशासन के द्वारा स्कूल में बनाए गए राहत शिविर से तो हम यही है मर जाए वहीं बेहतर?

आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। जिससे जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर अलीगढ़ के आधा दर्जन गांव में यमुना की बाढ़ का पानी घुस गया है। यहां रहने वाले ग्रामीण गांव में बाढ़ का पानी घुसने से परेशान है। किसानों की खेतों में खड़ी करीब 100 एकड़ से ज्यादा फसलें और सब्जियां बाढ़ के पानी में डूब कर नष्ट हो गई है। वही खेतों में बाढ़ का पानी घुसने से फसल बर्बाद होने के चलते किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन की तरफ से बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई व्यवस्था नहीं किए जाने के चलते ग्रामीणों के लिए पशुओं के चारे की समस्या आ रही है, हालांकि प्रशासनिक अधिकारी जल स्तर का निरीक्षण और बाढ़ चौकी को देखकर लौट जाते हैं।वही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से किसी तरह की कोई सुविधा बाढ़ से प्रभावित लोगों को नहीं मिल रही है. हालांकि ग्रामीणों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात करते हैं, लेकिन उनके पशुओं के रहने और चारे का कोई इंतजाम नहीं है?

वहीं दिल्ली, हरियाणा में भारी बारिश के चलते यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यमुना खतरे के निशान के पार बह रही है। जिसके चलते अलीगढ़ की तहसील खैर इलाके के टप्पल ब्लॉक के आधा दर्जन गांव में यमुना की बाढ़ का पानी घुस गया है। वही टप्पल विकासखंड के किशनगढ़, महाराजगढ़, पखोदना, ऊंटासानी, शेरपुर, मालव आदि इलाकों में यमुना के पानी से गांव जलमग्न हो गए है, हालांकि यमुना में जलस्तर बढ़ने को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से अलर्ट जारी किया गया है और जल स्तर के 24 घंटे निगरानी के लिए कहा गया है। इन इलाकों में बाढ़ आने से किसानों की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। खेत में बाढ़ का पानी घुसने से किसानों का लाखों का नुकसान हो गया है। किसानों के खेतों में खड़ी तमाम तरह की फसल के साथ ही सब्जियों की खेती भी नष्ट हो गई। बाढ़ का पानी गांव सहित खेतों में पहुंचने के बाद ग्रामीणों को अपने पशुओं के चारे की समस्या आ रही है। बाढ़ प्रभावित गुस्साए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर कोई भी सुविधा नहीं दिए जाने का गंभीर आरोप लगाया है। जिला प्रशासन के लोग आते है और खानापूर्ति कर घूम कर चले जाते हैं। वहीं, अधिकारियों पर झूठा आश्वासन देने का आरोप लगाया है। स्थानीय ग्रामीण सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। वही ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सांसद विधायक चुनाव से पहले ग्रामीणों के पास वोट मांगने के लिए आते हैं और ग्रामीणों को बाढ़ से बचाने के लिए झूठा आश्वासन देकर चले जाते हैं।

वही महाराजगढ़ गांव निवासी बाढ़ प्रभावित महिला देवेंद्री का कहना है कि पटवारी और बड़े अधिकारी आते हैं लेकिन कुछ करते नहीं है, महाराजगढ़ के किसान राकेश कुमार ने बताया कि गांव के चारों तरफ यमुना की बाढ़ का पानी फैल चुका है लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं है। जिला प्रशासन के लोग आते हैं और खानापूर्ति कर घूम कर चले जाते हैं। दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कहते हैं। लेकिन गाय-भैंसों को कहां लेकर जाएं. चारे की व्यवस्था भी करना जरूरी है। राकेश ने बताया कि किसानों की लाखों रुपए की फसल बर्बाद हो गई है।

किशनपुर के नवरंग सिंह ने बताया कि फसल और सब्जी सब डूब गई. जिला प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है. नवरंग सिंह बताते हैं कि हम खतरों के बीच में रह रहे हैं. किशनगढ़ की पार्वती ने बताया कि यमुना का जलस्तर बढ़ने से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. वही एडीएम वित्त एवं राजस्व मीनू राणा ने बताया कि बाढ़ को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है. कंट्रोल रूम के साथ ही बाढ़ चौकियों पर निगरानी की जा रही है।

महाराजगढ़ के बलबीर का कहना है कि उनके गांव के विकास की तरफ किसी का कोई ध्यान नहीं है, राजनेता भी चुनाव के वक्त आते हैं और वोट लेने के बाद झूठा आश्वासन देते हैं। बाढ़ का पानी गांव में घुसने से करीब 100 एकड़ फसलों का नुकसान हो चुका है। कहा कि प्रशासन के लोग दारू पीकर आते हैं, और बाढ़ प्रभावित लोगों से इंतजाम के नाम पर झूठ बोलते है और खानापूर्ति कर झूठा आश्वासन देकर चले जाते हैं।ओर ग्रामीणों से कहते हैं टप्पल जमुना खंड स्कूल पर चलों,कहा जो प्रशासन के अधिकारी उनके लिए बांध की व्यवस्था ना कर सकें वह शासन के अधिकारी जमुना खंड स्कूल पर उनके रहने की क्या व्यवस्था करेंगे? ऐसे में उनका कहना है प्रशासन की जमुना खंड स्कूल की व्यवस्था के बजाएं हम यहीं रहकर अपनी जान गवाएं यही बेहतर?

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