(रिपोर्टर) अजय कुमार
द ब्लाट न्यूज़ स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में ईदुल अजहा पर मस्जिद के बाहर पुलिस की देखरेख में एक व्यक्ति द्वारा धार्मिक ग्रंथ को जलाए जाने को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने एएमयू कैंपस के डंक पॉइंट से बाबा सैयद गेट तक प्रोटेस्ट मार्च निकालते हुए जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। धार्मिक ग्रंथ जलाए जाने पर स्वीडन सरकार की एएमयू छात्रों द्वारा कड़े शब्दों में निंदा की। वहीं प्रोटेस्ट मार्च के दौरान एएमयू छात्र ने कहा कि 2007 के बाद से स्वीडन में इंसान की शक्ल में जानवर पैदा हो रहे हैं। जबकि 2007 में स्वीडेन में उनके नबी की तौहीन करी गयी, उनके कार्टून बनाये गए। वही एएमयू छात्रों ने भारत सरकार से मांग की हैं कि भारत सरकार इस मामले में स्वीडन सरकार से बात करते हुए धार्मिक ग्रंथ जलाने के मामले में आरोपी के खिलाफ स्वीडन सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग करे। वही छात्र नेता कहा की सन 2007 के बाद से स्वीडेन में इंसानी शक्ल में जानवर पैदा हो रहे है। जिसके चलते में छात्र ने 56 मुस्लिम मुल्क के बादशाहों से गुजारिश करते हुए मांग की गई कि 56 मुस्लिम मुल्क के बादशाह कुरान जलाने के मामले में स्वीडन के उस बादशाह का (रिजाइन) लेते हुए स्वीडन सरकार का तख्तापलट किया जाएं।
आपको बता दें स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में ईदुल अजहा पर मस्जिद के बाहर एक व्यक्ति ने धार्मिक ग्रंथ को जला दिया था। इसी को लेकर जनपद अलीगढ़ की अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने एएमयू कैम्पस के डक पॉइंट से लेकर बाब-ए-सैयद तक प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया। जिसमे उन्होंने स्वीडन में धार्मिक ग्रंथ जलाने पर स्वीडन सरकार की कड़ी निंदा करी और उनके खिलाफ ज़बरदस्त प्रदर्शन किया। वहीँ प्रोटेस्ट मार्च के दौरान एएमयू छात्रों ने कहा कि जिस तरह से पुलिस की देखरेख में एक व्यक्ति ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में ईदुल अजहा पर मस्जिद के बाहर धार्मिक ग्रंथ जलाया है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि वह स्वीडन सरकार से इस मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करे। वहीँ प्रोटेस्ट मार्च के दौरान छात्रों ने कहा की उनके द्वारा बाब-ए-सैयद पर एकत्र होने का मकसद स्वीडन सरकार की निंदा करना है।
वहीँ एएमयू छात्र नेता ज़ैद शेरवानी ने कहा की स्वीडन में 2007 के बाद से स्वीडेन में इंसानी शक्ल में जानवर पैदा हो रहे है। जबकि 2007 में स्वीडेन में उनके नबी की तौहीन करी गयी, उनके कार्टून बनाये गए। छात्र ने स्वीडन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2023 जनवरी में स्वीडेन में क़ुरआन को जलाया गया। वही मौजूदा बकरीद पर मस्जिद के सामने कुरान जलाने का काम स्वीडन में इंसानी शक्ल में पैदा हुए जानवर ने ये काम स्वीडन सरकार की शह पर किया।उनकी इस करतूत से पूरी दुंनिया के मुसलमानों की तोहीन की गयी।
छात्र ने 56 मुस्लिम मुल्क देशों के बादशाहों से गुजारिश करते हुए मांग की गई कि 56 मुस्लिम देशों के बादशाह कुरान जलाने के मामले में स्वीडन के उस बादशाह का (रिजाइन) इस्तीफा लेते हुए स्वीडन सरकार का तख्तापलट किया जाना चाहिए।क्योंकि कुरान को जलाए जाने में स्वीडन के बादशाह का ही सबसे बड़ा हाथ है। जिस बादशाहा के चक्कर में उनके पाक कुरान को जलाया गया।ओर कुरान जलाकर पूरे मुल्क के मुसलमानों की तौहीन की गई हैं।कहा हम लोगों के मां-बाप,हम लोगों के भाई,हम लोगों की बहन,हम सब अल्लाह,अल्लाह के नबी ओर अल्लाह की किताब के लिए कुर्बान, लेकिन हमारी कोई औकात नहीं, ओर दुनिया की कोई औकात नहीं है हमारी नजर में?कहा कि इस मुल्क 100 से ज्यादा मुस्लिम विधायक ओर 27 मुस्लिम सांसद हैं। जिनकी कुरान जलाए जाने के मामले में आवाज नहीं निकल रही है।
ऐसे में क्या उनके बादशाहो ने कुरान जलाने के मामले पर मुस्लिम विधायकों ओर सांसदों को आवाज निकालने से मना कर दिया हैं। कहा कि मुसलमान एमपी और मुसलमान एमएलए के बादशाह जो मौजूदा अध्यक्ष बनें घूम रहे चाहे वह किसी भी पार्टी के हो क्या वह मुसलमान अध्यक्ष अल्लाह से बड़े बादशाह हो गए। उन्होंने सभी पार्टी के मुसलमान अध्यक्षों को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे में अगर मुसलमान विधायक,सांसदों के मूंह ओर हलक से आवाज नहीं निकली। तो पूरे हिंदुस्तान मुल्क के मुसलमान अल्लाह के इस कलाम के लिए मुसलमान विधायक,सांसद नहीं बोलेंगे तो इन मुसलमान विधायक और सांसदों का पूरे हिंदुस्तान मुल्क के मुसलमानों द्वारा बॉयकॉट करने के साथ ही विरोध किया जाएगा।
छात्र ने मांग में कहा स्वीडन में कुरान जलाने वाला इंसान की शक्ल में जो जानवर है सबसे पहले उसके पैर काटे जाए। उसके बाद स्वीडन की राजधानी में बीच चौराहे पर उसको फांसी पर लटकाते हुए फांसी दी जाए।
छात्र नेता आरिफ त्यागी ने कहा की जिस तरह से हमारे धार्मिक ग्रन्थ क़ुरआन शरीफ को जलाया गया ये बहुत निंदनीय बात है। हम लोग आज इस प्रोटेस्ट के ज़रिये स्वीडेन सरकार की घोर निंदा करते हैं।
वहीँ इस मामले पर एएमयू के प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली का कहना है कि स्वीडन में मस्जिद के बाहर धार्मिक ग्रंथ जलाने के विराेध में एएमयू छात्रों ने प्रदर्शन किया था। लेकिन छात्रों के द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान उन्हें कोई कोई ज्ञापन नहीं दिया गया है।
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