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नयी दिल्ली । कोरोना महामारी के प्रभावों से निकल कर आगे बढऩे की कोशिश कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 6.1 प्रतिशत बढ़ी है और मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही है। मार्च 2022 में समाप्त तिमाही में यह वृद्धि दर 10.4 प्रतिशत रही थी और मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत रही थी।
केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा आज यहां जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2023 में समाप्त वित्त वर्ष में जीडीपी 160.06 लाख करोड़ रुपये रहा है जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 149.26 लाख करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत रही थी जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 7.1 प्रतिशत रही है। सीएसओ ने कहा कि हालांकि नोमिनल जीडीपी या वर्तमान मूल्य पर वित्त वर्ष में जीडीपी 272.41 लाख करोड़ रुपये रहा है जबकि वित्त वर्ष में यह 234.71 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह से इसमें 16.1 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी है।
सीएसओ ने कहा कि मार्च में समाप्त तिमाही में जीडीपी 43.62 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि मार्च 2022 में यह 41.12 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस तरह से इसमें 6.1 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी है।सीएसओ के अनुसार इस वर्ष मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्यपालन क्षेत्र 5.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा है जबकि मार्च में 2022 में यह 4.1 प्रतिशत रहा था। इसी तरह से खान एवं खनन क्षेत्र इस अवधि में 4.3 प्रतिशत बढ़ा है जबकि मार्च 2022 में यह 2.3 प्रतिशत रहा था। विनिर्माण गतिविधियों में तेजी रही और यह मार्च 2023 में 4.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि मार्च 2022 में यह दर 0.6 प्रतिशत रहा था। बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य यूटिलिटी सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर इस अवधि में 6.9 प्रतिशत रही जबकि मार्च 2022 की तिमाही में यह 6.0 प्रतिशत रही थी। इसी तरह से निर्माण क्षेत्र मार्च 2023 में 10.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा है जबकि मार्च 2022 में यह 4.9 प्रतिशत बढ़ा था। व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवा क्षेत्र 9.1 प्रतिशत बढ़ा है जबकि मार्च 2022 में यह 5.0 प्रतिशत रहा था। वित्त, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही है जबकि मार्च 2022 में यह 4.6 प्रतिशत रही थी। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवा क्षेत्र मार्च 2023 में 3.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि मार्च 2022 में यह 5.2 प्रतिशत रहा था।
इसी तरह से इस वर्ष मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में कृषि, वानिकी और मत्स्यपालन क्षेत्र 4.0 प्रतिशत की दर से बढ़ा है जबकि मार्च में 2022 में यह 3.5 प्रतिशत रहा था। इसी तरह से खान एवं खनन क्षेत्र इस अवधि में 4.6 प्रतिशत बढ़ा है जबकि मार्च 2022 में यह 7.1 प्रतिशत रहा था। विनिर्माण क्षेत्र मार्च 2023 में समाप्त वित्त वर्ष में 1.3 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि मार्च 2022 में यह दर 11.1 प्रतिशत रहा था। बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य यूटिलिटी सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर इस अवधि में 9.0 प्रतिशत रही जबकि मार्च 2022 में यह 9.9 प्रतिशत रहा था। इसी तरह से निर्माण क्षेत्र मार्च 2023 में समाप्त वित्त वर्ष में 10.0 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि मार्च 2022 में यह 14.8 प्रतिशत बढ़ा था। व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवा क्षेत्र 14.0 प्रतिशत बढ़ा है जबकि मार्च 2022 में यह 13.8 प्रतिशत रहा था। वित्त, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर इस अवधि में 7.1 प्रतिशत रही है जबकि मार्च 2022 में यह 4.7 प्रतिशत रही थी। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवा क्षेत्र मार्च 2023 में समाप्त वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत बढ़ा जबकि मार्च 2022 में यह 9.7 प्रतिशत रहा था।