THE BLAT NEWS:
नई दिल्ली । नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर जहां देश की सियासत गरमाई हुई है वहीं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में बड़ी खबर सामने आई है। खबर यह है कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने की मांग वाली याचिका शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं सुनी। कोर्ट ने बस इतना कहा- समझ में नहीं आता आप लोग ऐसी याचिका लाते ही क्यों हैं? इसमें आपका क्या इंटरेस्ट है? याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि यह याचिका क्यों दाखिल हुई। ऐसी याचिकाओं को देखना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है। कोर्ट ने पूछा कि इस याचिका से किसका हित होगा? इसके बाद याचिकाकर्ता एडवोकेट जया सुकिन ने पिटिशन वापस ले ली। उन्होंने कहा कि वे हाईकोर्ट भी नहीं जाएंगे।
सुनवाई के दौरान जस्टिस माहेश्वरी ने कहा- काफी देर तक बहस करने के बाद याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी गई है। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल से पूछा- मिस्टर स्त्र, आपको कोई समस्या? इस पर स्त्र मेहता ने कहा- याचिका वापस लेने का मतलब है कि वह हाईकोर्ट जाएंगे और बहस करेंगे। अदालत को कहना चाहिए कि इन मामलों में बहस ही नहीं करनी है।
अधिवक्ता सीआर जया सुकिन द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि लोकसभा सचिवालय, भारत संघ, गृह मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय ने संविधान का उल्लंघन किया है और इसका सम्मान नहीं किया जा रहा है। 18 मई को लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बयान और नए संसद भवन के उद्घाटन के बारे में लोकसभा के महासचिव द्वारा जारी किया गया निमंत्रण पत्र प्राकृतिक न्याय के मूल सिद्धांतों का पालन किए बिना और संविधान के अनुच्छेद 21, 79, 87 का उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि, संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है।
The Blat Hindi News & Information Website