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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमानित 7 फीसदी की वृद्धि दर को पार करने की संभावना है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए दास ने कहा कि वित्त वर्ष 23 के लिए जीडीपी की वृद्धि का अनुमान 7 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि रुझानों को देखते हुए ऐसी संभावना है कि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत के स्तर को पार कर सकती है।
दास ने भरोसा जताया कि वित्त वर्ष 24 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर 6.5 प्रतिशत रहेगी।
ब्याज दरों में वृद्धि पर रोक लगाने के बारे में उन्होंने कहा कि यह उनके हाथ में नहीं है बल्कि जमीनी स्तर की स्थिति से तय होता है।
केंद्रीय बैंक प्रमुख ने कहा कि मुद्रास्फीति पर युद्ध अभी भी जारी है और यह देखना होगा कि अल नीनो फैक्टर कृषि उत्पादन के लिए कैसे काम करता है।दास ने कहा कि हालांकि महंगाई में कमी आई है, लेकिन कोई भी इससे संतुष्ट नहीं हुआ है।उनके अनुसार, आरबीआई अर्थव्यवस्था को समर्थन देने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए एक विवेकपूर्ण नीति का पालन करेगा।
विदेशी मुद्रा की स्थिति पर, दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते फंड आउटफ्लो हुआ और आरबीआई को स्थिरता बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।
वर्तमान में विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 599.5 बिलियन डॉलर है।
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