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लखनऊ। प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे.पी.एस. राठौर ने बताया कि केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की पहल पर पैक्स तथा चीनी मिलों के सुदृढ़ीकरण हेतु पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये है। जिससे प्रधानमंत्री जी के श्सहकार से समृद्धिश् के स्वप्न को साकार करने में सफलता मिलेगी।
राठौर ने बताया कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने मौजूदा थोक उपभोक्ता लाइसेंसधारी पैक्स को रिटेल आउटलेट में बदलने के लिए सहमती दे दी है। इसके तहत मौजूदा पैक्स को अपने थोक उपभोक्ता पंपों को रिटेल आउटलेट में बदलने के लिए एक बार विकल्प दिया जाएगा, बशर्ते वे वैधानिक अनुमोदन और अन्य अनुमतियों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा आउटलेट स्थापित करने के लिए सभी आवश्यकताओं को पूरा करें। इसके अतिरिक्त, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पैक्स को पात्र बनाने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा नियमों में बदलाव किए जाएंगे। उन्होने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया है कि नए पेट्रोलध्डीजल की डीलरशिप के आवंटन में पैक्स को स्वतंत्रता सेनानी तथा स्पोर्ट्स कोटे के साथ कंबाइंड केटेगरी-2 (सीसी-2) श्रेणी में डाला जाएगा। इसके अलावा, इथेनॉल ब्लेंडिंग कार्यक्रम के तहत पेट्रोलियम मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि सहकारी चीनी मिलों को इथेनॉल खरीद के लिए अन्य निजी कंपनियों के अनुरूप प्राथमिकता दी जाए। श्री राठौर ने कहा कि इस निर्णय से पैक्स ग्रामीण विकास की धुरी बनेगी तथा सहकारिता आंदोलन और मजबूत होगा। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस पर कार्यवाही शुरू कर दी गयी है तथा उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ को इसका नोडल बनाया गया है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने हेतु सहकारिता मंत्रालय ने प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (पैक्स) के सुदृढ़ीकरण के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं, जैसे कि, पैक्स के लिए मॉडल उपनियम, जिन्हें अपनाकर देश भर की लगभग एक लाख पैक्स ग्रामीण आर्थिक विकास की धुरी बन, बहु-आयामी जीवंत इकाइयों के रूप में खड़ी हो पायेंगी तथा 25 से भी अधिक व्यवसाय करने में सक्षम होंगी। इससे पैक्स 13 करोड़ से भी अधिक सदस्य किसानों की आय में बढ़ोतरी के नए साधन जुटा पाएंगी। उन्होंने कहा कि पैक्स के सशक्तिकरण की दिशा में सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स के कम्प्यूटरीकरण की केंद्रीय प्रायोजित परियोजना वर्तमान में कार्यान्वयनाधीन है, जिससे पैक्स एक राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर के माध्यम से नाबार्ड से जुड़ पाएंगी। साथ ही, सहकारिता मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है, जिसके तहत पैक्स सीएससी की 300 से भी अधिक ई-सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता तक पहुँचा पाएंगी। इसके अतिरिक्त, सहकारिता मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों में सभी पंचायतोंध्गाँवों को कवर करते हुए, 02 लाख बहुउद्देशीय पैक्स व प्राथमिक डेयरीध्मात्स्यिकी सहकारी समितियाँ स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा है। साथ ही, जेम पोर्टल पर सहकारी समितियों को बतौर क्रेता के रूप में शामिल किया गया है। पैक्स को व्यवहार्य व गतिशील बनाने हेतु भारत सरकार कि विभिन्न योजनाओं का केन्द्रीकरण पैक्स के स्तर पर किया जा रहा है। सहकारिता मंत्रालय द्वारा अभी तक उठाये गए सभी कदम पैक्स का सुदृढ़ीकरण सुनिश्चित करेंगे व उन्हें बहुउद्देशीय जीवंत आर्थिक इकाइयों में बदलने के लिए सक्षम बनाएँगे, जिससे करोड़ों किसान सदस्यों को आय के स्थायी स्त्रोत प्राप्त होंगे।
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