
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि उनका मानना है कि विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है और आगे भी अदा कर सकती है। श्री चौहान ने यहां विद्या भारती मध्यक्षेत्र, के नवनिर्मित भवन ‘अक्षरा’ का लोकार्पण किया। इस लोकार्पण समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबळे, दू. सी. रामकृष्णराव एवं अन्य गणमान्य हस्तियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है और अदा कर भी सकती है। आजकल अगर बालक थोड़ा परिश्रम कर ले तो मीडिया में सुर्खी बन जाती है। हमें यह बदलना है। चौहान ने कहा कि अगर हमने बच्चों को सही दिशा दी, तो उनका जीवन सफल हो जाता है। मुझे विश्वास है कि इस भवन में शोध, अनुसंधान और प्रशिक्षण के ऐसे कार्यक्रम चलेंगे जिससे बच्चों का भविष्य निखरेगा और सरकारी शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार के लिए कदम बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं मानता हूं कि विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है और अदा कर भी सकती है। आजकल अगर बालक थोड़ा परिश्रम कर ले तो मीडिया में सुर्खी बन जाती है। हमें यह बदलना है। सीएम ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था केवल सरकार के पास नहीं, इसका दायित्व एक ऐसी ऑटोनॉमस बॉडी के हाथ में होना चाहिए जिसमें शिक्षाविद हों और शिक्षा के जानकार हों। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 26 जुलाई से 11वीं और 12वीं के स्कूल खोलने पर विचार कर रहे हैं। इसमें बच्चे 50 प्रतिशत संख्या जा सके। पचास प्रतिशत ऐसा कि आधे एक दिन आए आधे दूसरे दिन आए। 1 अगस्त से कॉलेज भी खोल सकते हैं। 15 अगस्त तक सब ठीक-ठाक रहा तो छोटी क्लास के स्कूल भी खोले जाने पर विचार करेंगे। तीसरी लहर आएगी या नहीं आएंगे यह कहा नहीं जा सकता। लेकिन, कुछ एक्सपर्स्ट कहते हैं कि आएगी। इसे हम रोकने का भी प्रयास कर रहे हैं। बच्चे भी कुंठित हो रहे हैं। घर बैठे बैठे। बाजार खुल गए हैं, आना-जाना शुरू हो गया। सरकार के नाते भी हमको लगता है कि 25-26 जुलाई से 11वीं और 12वीं के स्कूल खोले जाएं। इसमें बच्चे 50 प्रतिशत संख्या जा सके। पचास प्रतिशत ऐसा कि आधे एक दिन आए आधे दूसरे दिन आए। यदि सबकुछ ठीक रहा तो अगस्त में कॉलेज भी खोल सकते हैं। बता दें कि, इससे पहले कल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था है कि, ”लाड़ली लक्ष्मी योजना को शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा। समाज में यह धारणा स्थापित करना है कि बेटी बोझ नहीं बुढ़ापे का सहारा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत लाड़लियाँ, सशक्त, समर्थ, सक्षम और आत्म-निर्भर बनकर समाज में योगदान दें।” उन्होंने ये भी बताया था कि, ”मध्यप्रदेश में 39.37 लाख बालिकाएं लाडली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत पंजीकृत हैं। कुल 5,91,203 बालिकाओं को रु. 136 करोड़ की छात्रवृत्ति का अब तक वितरण किया जा चुका है। लाडली लक्ष्मी निधि में रु. 9,150 करोड़ जमा हैं। प्रदेश में लाडली लक्ष्मी अधिनियम 2018 प्रभावशील है।”
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