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नई दिल्ली । कोलकाता में भारतीय नौसेना ने नौसेना उड्डयन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया । इस कार्यक्रम के दौरान, भारतीय नौसेना ने उड्डयन उद्योगों के साथ सहयोग करने के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं की। इसके अलावा, नौसेना ने नौसेना उड्डयन उद्योग के लिए तकनीकी अभियांत्रिकी और उपकरणों की विकसित और उत्पादन की संभावनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया। इस कार्यक्रम में उड्डयन उद्योग उद्यमियों और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। नौसेना विमान-उद्योग आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ, पूर्वी क्षेत्र, सीआईआई (ईआर) के सहयोग से किया गया था। यह कार्यक्रम एचक्यूईएनसी के तत्वावधान में नौसेना संपर्क प्रकोष्ठ, बैरकपुर द्वारा आयोजित किया गया था।
उप-नौसेना प्रमुख (डीसीएनएस) वीएडीएम संजय महेंद्रू ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की और तीनों सेवाओं, तटरक्षक, डीआरडीओ और सीआईआई (ईआर) के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ स्वदेशीकरण पर अपने दृष्टिकोण साझा किया।इस कार्यक्रम में नए उद्योगों के विकास और स्थानीय उत्पादन के लिए प्रोत्साहन के लिए भी एक मंच प्रदान किया गया था। इसके अलावा, उद्योगों के बीच बातचीत और संबंधों को मजबूत करने के लिए नेटवर्किंग का भी प्रबंधन किया गया था। इस कार्यक्रम से इस क्षेत्र में आर्थिक विकास के अधिक अवसर प्रदान किए जाने की उम्मीद है।नौसेना स्वदेशीकरण और वित्तीय विनियमन को समर्थन देने के लिए सरल प्रक्रियाओं को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत के स्वदेशीकरण और रक्षा क्षेत्र में आगे बढऩे में मदद करेगा। नौसेना एजेंसियों और उद्योग भागीदारों के बीच तकनीकी सत्रों की समीक्षा भी महत्वपूर्ण होगी जो इस दिशा में एक बढ़ते हुए भूमिका निभाएगी।