देश से आए दिन कई तरह के मामले सामने आते रहते है इस बीच एक और मामला सामने आया है जिसमे मारवाड़ जंक्शन उपखंड के बोरनड़ी गांव के व्यक्तिगत कुएं में मरम्मत के चलते गिरे नाबालिग नरेंद्र के शव को बाइस दिन पश्चात् बाहर निकाल लिया गया। सेना ने पूरे 20 दिन चले रेस्क्यू के पश्चात् 185 फिट गहरे कच्चे कुएं से आखिरकार लाश को बाहर निकाल दिया हो मगर अब परिवार वालों ने लाश को लेने से मना कर दिया।
नायक समाज के व्यक्ति गांव के चौराहे पर ही प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकारी मुआवजे का ऐलान तथा अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक लाश को नहीं उठाएंगे। वही 22 दिन पश्चात् शव निकलने के पश्चात् पुलिस के अफसर परिवार वालों के पास पहुंचे एवं पोस्टमार्टम कराने की बात कही मगर परिवार वालों ने साफ मना कर दिया। जब दुर्घटना हुई थी, तब ही जिलाधिकारी ने एसपी को निजी कुएं मालिक और ठेकेदार पर मुक़दमा दर्ज करने के आदेश दे दिए थे मगर गिरफ्तारी सिर्फ एक की ही हुई।
वही कुआं मालिक आज भी खुला घूम रहा है। दूसरी तरफ ठेकेदार के परिजन अपने बेटे को हवालात में देखकर नरेंद्र के परिवार को धमकियां दे रहे हैं। आखिर में परिवार वालों और समाज के व्यक्तियों ने निर्णय लिया कि जब तक अपराधियों को गिफ्तार नहीं कर लिया जाता, शव को नहीं उठाया जाएगा। महिला सुरक्षा फाउंडेशन दिल्ली की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनीषा राखेचा भी पीड़ित के घर पहुंची एवं नरेंद्र की मां को हिम्मत बंधाई। साथ ही प्रशासन से निवेदन किया कि उचित मुआवजे के साथ अपराधियों को जल्द गिरफ्तार करें तथा धमकिया देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करें।
The Blat Hindi News & Information Website