अलीगढ़: 4 दिन से थाने में बंद लड़की के साथ हुआ बलात्कार, पुलिस बोली बेटी के कपड़े लेकर ही थाने आना

द ब्लाट न्यूज़ थाना बरला पुलिस का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां 4 दिन पहले लड़की को बरामद करने के बाद 4 दिन से थाने के अंदर बंद रखने के चलते पुलिस की इस कार्यप्रणाली ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। जहां 6 अप्रैल को गांव के ही अपने प्रेमी के साथ गायब हुई 16 वर्षीय प्रेमिका लड़की को पुलिस ने बरामद करने के बाद 4 दिन तक लड़का और लड़की दोनों को थाने के अंदर बंद रखा।

 

 

4 दिन लड़की को थाने में बंद रखने के बाद पुलिस ने पिता को फोन कर कहा कि उसकी बेटी पुलिस थाने में है, ओर उसके कपड़े ज्यादा खराब है, उसके कपड़े लेकर ही थाने आना। पीड़ित पिता जब बेटी के कपड़े लेकर थाने पहुंचा तो बेटी के कपड़ों की स्थिति को देखते ही पिता ने बेटी के साथ बलात्कार किए जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए शिकायत दी। लेकिन पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं कर रही और मुकदमा दर्ज करने में पुलिस अपनी मनमानी कर रही हैं। पिता थाने के चक्कर लगा रहा है वही पीड़ित परिवार ने बेटी के साथ दुष्कर्म होने का आरोप लगाया है।

आपको बताते चलें कि थाना बंरला क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़ित पिता ने जानकारी देते हुए कहा कि उसकी 16 वर्षीय बेटी 6 अप्रैल करीब 10:00 बजे से गायब थी। जिस पर गायब बेटी को उसके द्वारा सब जगह तलाश किया गया। लेकिन 5:00 बजे तक तलाशने के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं मिला। तभी पता चला कर गांव मंजूर गढ़ी निवासी युवक अशोक कुमार उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी को अपने साथ ले गया था। जिसके बाद उसकी 16 वर्षीय गायब हुई बेटी आरोपी युवक अशोक के भाई अंकुर के पास से बरामद की गई और घर से पकड़ा गया मोबाइल फोन उसकी बेटी को ले जाने वाले युवक अशोक की आईडी पर पकड़ा गया। जिसके बाद वह थाने पहुंचा और पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराते हुए मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखित शिकायत दी। आरोप है कि इसके बाद पुलिस उसको अपने साथ पुलिस जीप में बिठाकर गांव ले गई। इस दौरान उसको पुलिस जीप में बैठा हुआ छोड़कर पुलिसकर्मी युवक अशोक और उसके पिता जानकी प्रसाद के घर पहुंचे ओर करीब 45 मिनट तक उनके घर में मौजूद रहे। इसके बाद करीब 45 मिनट बाद इलाका चौकी इंचार्ज उसके पास पहुंचा और कहा कि 10:00 बजे तक उसकी बेटी उसे मिल जाएगी। इसके बाद पुलिसकर्मी उसको पुलिस जीप से उतारकर थाने चले गए ओर वह अपने घर चला गया।

पीड़ित पिता का आरोप है कि 7 अप्रैल की सुबह करीब 7:30 थाने से इलाका चौकी इंचार्ज का उसके पास फोन पहुंचा और दरोगा ने उससे कहा कि उसकी बेटी पुलिस थाने में है और उसके कपड़े लेकर ही थाने आना।उसकी बेटी के कपड़े ज्यादा खराब हो रहे है। थाने से दरोगा का फोन आने पर वह अपनी बेटी के कपड़े लेकर थाने पहुंचा तो अपनी बेटी के कपड़ों की हालत को देखकर उसके होश उड़ गए। बेटी के कपड़ों की हालत को खराब देखने पर पीड़ित ने अपनी बेटी के साथ बलात्कार किए जाने की संभावना व्यक्त की,ओर कहा कि कपड़े की स्थिति देखने से पता चलता है कि उसकी बेटी के साथ बलात्कार हुआ है। आरोप है कि उसकी शिकायत पर पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर रही।बल्कि पुलिस अपनी मनमानी से मुकदमा लिख रही है।जिस पर उसने पुलिस से कहा पकड़े गए फोन और उसकी बेटी के कपड़ों की हालत को देखकर मुकदमा लिखो। इस पर पुलिस ने उससे कहा ऐसे मुकदमा नहीं लिखा जाता। जिसके चलते उसने यूपी सरकार से मुकदमा दर्ज किए जाने को लेकर न्याय की गुहार लगाते हुए योगी सरकार को मुकदमा दर्ज नहीं किए जाने के मामले में कटघरे में खड़ा कर दिया।

पीड़ित पिता का आरोप है कि पुलिस ने उसकी बेटी ओर उस लड़के को 4 दिन से बरामद करने के बाद से 4 दिन तक थाने के अंदर बंद रखा हैं। आरोप है कि 4 दिन से उसकी बेटी को थाने में बंद रखने के बाद सरकारी अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराने के लिए ले जाने के बजाय पुलिस उसकी बेटी को एक निजी हॉस्पिटल रॉयल में मेडिकल परीक्षण के लिए लेकर गई। वही पीड़ित पिता का आरोप है कि आरोपी लड़के का भतीजा बरला थाने में होमगार्ड है। जिसके चलते पुलिस उसके परिवार के लोगों से सांठगांठ कर मुकदमा दर्ज नहीं करना चाहती है और कार्रवाई करने के बजाय पुलिस थाने में तैनात अपने होमगार्ड का साथ दे रही।

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