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कोलकाता : पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा में हुई हिंसा के मद्देनजर कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को राज्य सरकार को सलाह दी कि जब तक पूरी तरह से सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो जाती, तब तक वह क्षेत्र में केंद्रीय सशस्त्र बलों को तैनात करने पर विचार करे। रिशरा में रविवार शाम को हिंसा भड़क उठी और सोमवार रात तक जारी रही।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने सरकारी वकील को लंच के बाद के सत्र के दौरान मामले पर राज्य की राय के साथ आने का निर्देश दिया। इसके बाद सुनवाई फिर से शुरू हुई। पीठ हावड़ा, उत्तर दिनाजपुर और हुगली जिलों में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा की विभिन्न घटनाओं पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हालांकि हावड़ा और उत्तरी दिनाजपुर में पूरी तरह से सामान्य स्थिति बहाल हो गई है, लेकिन रिशरा में अभी भी तनाव बना हुआ है, जहां भारी पुलिस दल लगातार गश्त पर है। रिशरा में अभी भी धारा 144 लागू है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।
न्यायमूर्ति शिवगणनम ने कहा कि पहले भी ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जब राज्य सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों की सहायता मांगी और वह इस मामले में भी इसी तरह की सहायता मांग सकती है। उन्होंने कहा, इस मामले में, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक जिले से पुलिस बल को दूसरे जिले में तैनात करना पड़ा। पीठ ने गुरुवार को हनुमान जयंती के अवसर पर इस तरह की हिंसा की पुनरावृत्ति से बचने के लिए राज्य सरकार को पूरी सावधानी बरतने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और हिंसा भड़काने के संभावित प्रयासों की भी चेतावनी दी है।