THE BLAT NEWS: कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल के पशु तस्करी घोटाले में नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद होने के कारण जिले में निचले पायदान के नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं। शनिवार की शाम महिदपुर गांव में पार्टी के बूथ अध्यक्ष के नेतृत्व में लगभग तीन हजार तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक जनसभा में तृणमूल कांग्रेस छोडऩे और आगामी पंचायत चुनावों व आगे के चुनाव में कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन को समर्थन देने की घोषणा की।
सीपीआई (एम) और कांग्रेस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित उस बैठक में तृणमूल कांग्रेस छोडऩे वालों और विपक्षी गठबंधन के प्रति अपना समर्थन देने का वादा करने वालों में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व बूथ अध्यक्ष जनारुल मलिक, शेख सहजुल, नूरुद्दीन मुल्ला और अल्लाल मोल्ला जैसे उनके प्रतिनिधि शामिल थे।स्थानीय सीपीआई (एम) के नेताओं ने दावा किया कि बैठक दो मायने में महत्वपूर्ण थी, पहली यह कि मई 2011 के बाद से पिछले 12 वर्षों में गांव में किसी भी विपक्षी दल द्वारा यह पहली जनसभा थी, जब तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई थी। इसके अलावा, निचले पायदान के स्थानीय नेताओं सहित इतने सारे सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं का गठबंधन को समर्थन देना, विपक्षी वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन के लिए एक अतिरिक्त बोनस है।तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने इस घटनाक्रम पर चुप्पी साध रखी है। हालांकि, एक जिला नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जिस गुट ने शनिवार को सत्ताधारी पार्टी छोड़ दी थी, उसे हमेशा जिले में अनुब्रत विरोधी लॉबी के रूप में पहचाना जाता था।
The Blat Hindi News & Information Website