द ब्लाट न्यूज़ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीन दिन बाद अर्थात 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की अपनी चौथी पारी के तीन साल पूरे करेंगे। उल्लेखनीय है कि दिसमबर 2018 में बनी कमलनाथ सरकार के छह मंत्रियों सहित सहित कुल 22 विधायकों के विधायकी और कांग्रेस से त्यागपत्र के बाद 20 मार्च 2020 को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दिया था।
मप्र सहित भारत में कोविड की पहली लहर के बीच 23 मार्च 2020 को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की पहली बार शपथ 29 मार्च 2005 को ली थी। तीन साल की सरकार के बाद वर्ष 2008 में पार्टी नेउनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा और एक बार फिर से पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनी। 12 दिसम्बर 2008 को चौहान ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने श्री चौहान के नेतृतव में तीसरी बार सरकार बनाई और आठ दिसम्बर 2013 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत तो कांग्रेस से कहीं ज्यादा था, लेकिन सीटें कांग्रेस को भाजपा से पांच अधिक मिलीं। हालांकि सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही पास नहीं था। माना जा रहा था कि दो बसपा, एक सपा और पांच निर्दलीय विधायकों का समर्थन लेकर एक बार भाजपा फिर से मध्यप्रदेश में सरकार बना लेगी। लेकिन स्वयं शिवराज सिंह चौहान ने जोड़-तोड़ की सरकार बनाने से मना कर दिया और समर्थन देने के लिए तैयार खड़े विधायकों को उन्होंने वापस कर दिया। इसके बाद निर्दलीय, बसपा और सपा के समर्थन से कमलनाथ ने अनसुनी के चलते कमलनाथ सरकार तो बनाई। लेकिन कमलनाथ सरकार 20 मार्च 2020 को गिर गई।
कमलनाथ सरकार गिरने के तीन दिन बाद 23 मार्च को चौहान ने चौथी बार मुख्मयंत्री बनकर मध्यप्रदेश की कमान संभाली थी। संतुलन एवं समन्वय की राजनीति के पक्षधर शिवराज सिंह चौहान ने पद भार ग्रहण करते ही कोरोना की लहर का सामना किया और प्रदेश की जनता को बचाने में स्वयं को झोंक दिया। सिंह स्वयं भी पीडि़त हुए पर कार्य जारी रखा। अपने इस कार्यकाल में शिवराज सिंह ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट, अप्रवासी भारतीय सम्मेलन का वैश्विक पहचान प्रदेश की दो, वहीं महालोक का निर्माण कर आस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रगट की। सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य को आधारभूत संरचना के विकास से प्रदेश को एक विकसित राज्य की श्रेणी में रखा वहीं शिवराज मामा इस बार लाड़ली बहना योजना से अब शिवराज भैया बन कर प्रदेश की महिलाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं।
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