नई दिल्ली। जाम्बिया की एक अदालत ने वेदांत रिसोर्सेज की कोंकोला कॉपर माइन्स (केसीएम) की इकाई को विभाजित करने और संपत्ति बेचने के लिए सरकार द्वारा नियुक्त अनंतिम परिसमापक पर किसी कार्रवाई से रोक लगा दी है। वेदांत ने सिंगापुर शेयर बाजार को बताया कि केसीएम परिसमापन कार्यवाही पर रोक लगने से कंपनी और जाम्बिया सरकार को मध्यस्थता के लिए आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। घातु एवं खनन फर्म वेदांता रिसोर्सेज की केसीएम में 79.4 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि जाम्बिया सरकार के पास सार्वजनिक क्षेत्र कंपनी जेडसीसीएम-आईएच के जरिए शेष 20.6 फीसदी हिस्सेदारी है। वेदांत और जाम्बिया सरकार के बीच मई 2019 से विवाद चल रहा है, जब जाम्बिया सरकार ने एक परिसमापक को खदान का नियंत्रण सौंप दिया था।
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