त्रिशला फाउंडेशन ने कराया होली मिलन समारोह

THE BLAT NEWS:

प्रयागराज। कर्नलगंज इंटर कॉलेज के ग्राउंड में त्रिशला फाउंडेशन की तरफ से होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। यह होली मिलन समारोह खासतौर पर दिव्यांग बच्चों के लिए रखा गया था। जहां पर कार्यक्रम में आए सभी दिव्यांग बच्चों के गालों पर फूलों से गुलाल लगाकर उनका स्वागत किया और साथ में उन्हें टोपी पिचकारी भी दी। वहीं इस समारोह में शामिल सभी दिव्यांग बच्चों के चेहरे फूलों की तरह खिले देखे। इस होली मिलन समारोह में मिठास को घोलने के लिए गोझिया, चिप्स पापड़ और ठंडई की भी व्यवस्था रखी गई थी।इस समारोह में खासतौर पर सेरेब्रल पॉलिसी से प्रभावित बच्चे व उनके अभिभावकों ने अबीर गुलाल उड़ाते हुए ब्रज में खेली जाने वाली होली का आनंद उठाया। वहीं गीतों पर जमकर मस्ती की और साथ ही साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए। समारोह में होली के रंगों की फुहार और फूलों की बारिश के बीच मस्ती करते इन बच्चों के लिए आज का दिन बेहद ही खास बन गया। त्रिशला फाउंडेशन में इलाज कराने आए बांग्लादेश और नेपाल के विदेशी मेहमानों ने भी इस समारोह में होली के रंगों का जमकर आनंद उठाया। होली मिलन समारोह में बच्चों के चेहरे पर खुशी देखकर उनके अभिभावक भी खुशी से झूम उठे और उन्होंने बच्चों के साथ साथ न सिर्फ मस्ती कि बल्कि होली के परंपरागत गीतों पर भी खूब धूम मचाई।अबीर गुलाल से सजे माहौल में सेरेब्रल पॉलिसी से प्रभावित बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां कर समारोह में उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। वहीं इस कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत के साथ की गई, उसके बाद सीपी बच्चों ने विविध कार्यक्रमों संगीत, नृत्य, ग्रुप डांस, कविता एवं शायरी से अपनी प्रतिभा का रंग इस होली के रंग में कुछ इस तरह बोला कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का मनमोह लिया। इस होली मिलन समारोह में भारत के विभिन्न राज्यों की छवि देखने को मिली।
इस कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों से आए परिवारों ने राज्य के परंपरागत नृत्य की प्रस्तुत कर अपने-अपने राज्यों की संस्कृति को दर्शाया। सीपी से प्रभावित हैतिक चंद्राकर ने जहां गीत की प्रस्तुति कर सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया तो वही सीपी चाइल्ड रिधिमा ने इस श्लोक सुनाकर माहौल को अध्यात्मिक बना दिया। जयेंका यादव जी ने त्रिशला फाउंडेशन के ऊपर लिखित कविता सुनाकर अपना भाव प्रकट किया। इसी के साथ सीपी प्रभावित बच्चों की मम्मी ने भी होली गीत पर नृत्य कर लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। त्रिशला फाउंडेशन के थेरेपिस्टो ने पारंपरिक ढोल मजीरा के साथ होली पर लोकगीत गाए। इस मौके पर बच्चों के रंग गुलाल से खेलने के साथ ही उन पर बरस रही फूलों की पंखुड़ियों ने ऐसा एहसास करवाया मानो बच्चों के साथ प्रकृति भी घूम रही हो।त्रिशला फाउंडेशन की तरफ से सेरेब्रल पॉलिसी से प्रभावित बच्चे व उनके अभिभावकों के लिए है जो कि देश के हर कोने से यहां पर आकर रुकते हैं। लगभग 250 सौ से ज्यादा इसमें अभिभावक शामिल हुए हैं यह कार्यक्रम इन लोगों के लिए विशेष रहता है यह होली का कार्यक्रम बच्चों और उनके पेरेंट्स के लिए फूल और गुलाबों के माध्यम से एक अच्छा कार्यक्रम होता है क्योंकि यह जो बच्चे होते हैं मल्टीपल डिसेबिलिटी की प्रॉब्लम होती है चलना फिरना, उठना बैठना और देखना सुनना नहीं हो पाता है। ऐसे बच्चों में एक सामाजिक सहभागिता कराना उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

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