बाहुबली और जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर लखनऊ पुलिस ने 25 हजार रुपए के इनाम का ऐलान कर दिया है। धनंजय अजीत सिंह हत्याकांड में वांटेड हैं। वह लगातार फरार चल रहे हैं। बुधवार रात पुलिस ने धनंजय सिंह के चार ठिकानों पर छापा मारा लेकिन उनका कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पूर्व सांसद छह जनवरी की रात में कठौता चौराहे पर हुए गैंगवार में मऊ मुहम्मदाबाद गोहाना के पूर्व उप ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में वांक्षित हैं। पुलिस के पास उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट है। यह वारंट जारी होने के बाद से ही वह फरार चल रहे हैं।
धनंजय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लेने के बाद पुलिस कई दिन से शांत बैठी हुई थी। पर, बुधवार रात को अचानक धनंजय की तलाश में उसके कुर्सी रोड स्थित आवास, शारदा व सरस्वती अपार्टमेंट में उसके फ्लैट और उसके बेहद करीबी साथी के मालवीय नगर स्थित आवास पर ताबड़तोड़ दबिश दी गई। पुलिस ने एक बर्खास्त सिपाही के घर भी दबिश दी लेकिन धनंजय का पता नहीं चला। इस दौरान दो ठिकानों से तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इन तीनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। पुलिस को अजीत सिंह हत्याकांड में अन्य तीन शूटरों रवि यादव, राजेश तोमर, शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर की भी तलाश है। वहीं खबर हैै कि एक शूटर मुस्तफा उर्फ बंटी को बागपत पुलिस ने कुछ दिन पहले उत्तराखंड से पकड़ लिया था। पर, उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि बागपत पुलिस ने अभी तक नहीं की है।
मुठभेड़ में मारे गए गिरधारी ने दिया था बयान
अजीत के साथ मौजूद मोहर सिंह ने एफआईआर करायी थी कि आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह और अखण्ड सिंह ने गिरधारी के जरिये हत्या करवायी है। गिरधारी ने पांच शूटरों के साथ अजीत की हत्या की थी। गिरधारी को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था। इसके बाद ही पुलिस ने सांसद धनंजय सिंह को गिरधारी के बयान के आधार पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोपी बनाया था। इसके साथ ही धनंजय पर एक घायल शूटर राजेश तोमर का लखनऊ और सुलतानपुर में इलाज कराने में मदद करने का भी आरोप है।