फिरोजाबाद: पुत्रों को नही मिली पैरोल,दो दिन बाद हुआ बुजुर्ग का अन्तिम संस्कार

द ब्लाट न्यूज़  एक बुजुर्ग के अंतिम संस्कार में कानून की ऐसी बंदिशें आड़े गई कि मरने के बाद भी बुजुर्गों को अपने बेटों का कंधा नहीं मिल पाया। बेटों के इंतजार में 2 दिन  रखा रहा लेकिन जब कोई नतीजा नहीं निकला तो परेशान परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया।

 

 

मृतक के दो बेटे जेल में बंद हैं जिनके पैरोल के लिए परिजनों ने प्रयास किया और 2 दिन तक पैरोल का इंतजार भी किया लेकिन जब उम्मीद टूट गई तो उन्होंने लोगों को लोगों के समझाने बुझाने के बाद परिजनों अंतिम संस्कार करने में भलाई समझी।

मक्खनपुर थाना क्षेत्र के गांव इंदुमई निवासी पूर्व प्रधान कमलेश किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे शुक्रवार को इनकी मौत हो गई। दरअसल में कमलेश के दो बेटे हत्या के मामले में जेल में बंद है जिनमें से एक बड़ा बेटा भी शामिल है। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार बड़ा बेटा ही मुखाग्नि देता है। इसलिए कमलेश के घरवाले चाहते थे कि बड़ा बेटा पैरोल पर बाहर निकले और अपने पिता के अंतिम दर्शन करने के बाद उन्हें मुखाग्नि दे।

पैरोल के लिए प्रयास भी किए गए लेकिन पैरोल नहीं मिल सकी. परिजनों ने शुक्रवार और शनिवार 2 दिन इस बात का इंतजार भी किया कि शायद जेल में बंद बेटे मौत के बाद अपने पिता का चेहरा देख सकें लेकिन कानून की ऐसी अड़चन सामने आई कि बेटों को पैरोल नही मिल सकी। रविवार की सुबह जब थाना पुलिस को इस बात की जानकारी मिली कि जेल में बंद बेटों की पैरोल के इंतजार में परिजन अंतिम संस्कार नही कर रहे है तो पुलिस मृतक कमलेश के घर पहुंची और परिजनों को काफी समझाया जिस पर परिजन मान गए और अंतिम संस्कार के लिए राजी भी हो गए।

थाना प्रभारी मक्खनपुर बैजनाथ सिंह ने बताया कि मृतक के परिजनों द्वारा बेटों की पैरोल का इंतजार किया था जिसकी वजह से अंतिम संस्कार नही हो सका था। परिजन अब मान गए है और उन्होंने अंतिम संस्कार भी कर दिया है।

 

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