‘द वैक्सीन वॉर’ की शूटिंग हुई खत्म;निर्माता और अभिनेत्री पल्लवी जोशी कहती हैं; दूसरी फिल्म से है अलग

THE BLAT NEWS: 

विवेक रंजन अग्निहोत्री की अपकमिंग फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ अपनी घोषणा के बाद से ही सुर्खियों में बनी हुई है। वहीं विवेक रंजन अग्निहोत्री की आखिरी रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स को अब तक पहचान और सरहाना मिल रही है। फिल्म ने कमाई के लिहाज से भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। ऐसे में अब दर्शकों की नजरें उनकी आने वाली ‘द वैक्सीन वॉर’ पर टिकी है जो पूरे मेडिकल फ्रेटरनिटी और उन साइंटिस्ट्स के लिए एक ट्रिब्यूट होगी जिन्होंने कोराना जैसी महामारी को हराने के लिए दिन रात काम किया और लोगों को मरने से बचाया। हाल में फिल्म का आखिरी शूटिंग शेड्यूल भी पूरा हो चुका है।’द वैक्सीन वॉर’ में नाना पाटेकर, पल्लवी जोशी, और अनुपम खेर जैसे दिग्गज एक्टर्स नजर आएंगे।

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साथ ही कांतारा फेम सप्तमी गौड़ा भी फिल्म का हिस्सा हैं।विवेक रंजन अग्निहोत्री ने हमेशा समाज में बदलाव लाने और दर्शकों के लिए वास्तविकता को स्क्रीन पर लाने के अपने नजरिए को सामने रखा है। द वैक्सीन वॉर भी ऐसा ही एक प्रोजेक्ट है जो महामारी युग के बारे में कई कहानियां पेश करेगा। इस फिल्म की शूटिंग लखनऊ से शुरू हुई थी। इसे कई अलग-अलग जगहों पर फिल्म को शूट किया गया। वहीं फिल्म का लास्ट शेड्यूल हैदराबाद हुआ है।इस फिल्म के बारे में बात करते हुए निर्माता और अभिनेत्री पल्लवी जोशी कहती हैं, “वैक्सीन वॉर किसी भी दूसरी फिल्म से अलग है जिसे हमने ‘आई एम बुद्धा’ प्रोडक्शन के तहत बनाया है। साइंस थ्रिलर एक बहुत ही नई शैली है और यह एक बहुत ही मुश्किल शैली भी है लेकिन हमने चुनौती स्वीकार करने का फैसला किया है। मुझे लगता है कि इस फिल्म को लिखने और निर्देशित करने की इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए विवेक को 100℅ अंक मिलने चाहिए।

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सभी एक्टर्स –  और मैं, हमने खुद को पूरी तरह से अलग जगह में पाया क्योंकि उनकी फिल्म में हमें जिन साइंटिफिक टर्मिनोलॉजी का इस्तेमाल करना था, वे बहुत कठिन थे और कुछ ऐसा था जिसे में हमने अपने जीवन में कभी नहीं सुना था।इसलिए उन्हें कहना शुरू में हमारे लिए एक चुनौती बन गया लेकिन मुझे लगता है कि एक हफ्ते के भीतर हम सभी ने अपने अंदर के साइंटिस्ट को ढूंढ लिया और हम सभी साइंटिफिक टर्मिनोलॉजी बोल रहे थे जैसे कि हम उन्हें बोलते हुए ही पैदा हुए हो। हम सभी को एक कॉन्फिडेंट साइंटिस्ट में बदलते हुए देखना एक शानदार सीन था और शूटिंग खत्म होने के बाद, हम सभी केवल साइंस पर चर्चा कर रहे थे जो कि एक बहुत ही मजेदार बात थी क्योंकि फिल्म शुरू होने से पहले तक हममें से कोई भी साइंस की एबीसी के बारे में नहीं जानता था।हमारी टेक्निकल टीम सबसे ज्यादा स्ट्रेस में थी क्योंकि इस फिल्म को बहुत अलग तरीके से शूट किया गया था, टेक्निकली यह बहुत अलग फिल्म है।विवेक और हमारे तकनीकी दल ने अपने लिए कुछ असंभव लक्ष्य निर्धारित किए थे और मैं वास्तव में इंतजार कर रही हूं, अपने नेल बाइट कर रही हूं क्योंकि मैं जानना चाहती हूं कि इसका लास्ट रिजल्ट क्या होने वाला है।लेकिन एक बात तय है कि एक बार जब दर्शक फिल्म देखकर थिएटर से बाहर निकलेंगे तो उनका सिर ऊंचा रहेग हमारे साइंटिस्ट्स ने लॉकडाउन के दौरान क्या हासिल किया है जब दुनिया भर में महामारी का प्रकोप था और विशेष रूप से महिलाएं जो न केवल घर में काम कर रही थीं, घर की सफाई कर रही थीं, परिवार के लिए खाना बना रही थीं, बल्कि वे 16, 17 और 18 घंटे लैब में भी खड़ी थीं और उस वैक्सीन को बनाया जिसने 135 करोड़ लोगों के देश को बचाया।सबसे मुश्किल बात यह थी कि यहां हम काल्पनिक किरदार नहीं निभा रहे थे, रियल लोगों के किरदार प्ले कर रहे हैं और वो रियल लोग अब भी हैं। यह सौ साल पहले हुए इतिहास की बात नहीं है। वे लोग जिन्होंने वैक्सीन का आविष्कार किया, वे लोग जिन्होंने वैक्सीन का निर्माण किया, वे लोग जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हर एक व्यक्ति को वैक्सीन मिले, वे सभी हमारे साथ, हमारे भीतर रहते हैं, और उन्हें उनके वास्तविक नामों के साथ निभाते हैं, इंटरव्यूज को देखने के बाद उनकी विशेषताओं को पिक करना और उनसे बात करना सबसे कठिन हिस्सा था क्योंकि एक जीवित किरदार निभाना बहुत मुश्किल है लेकिन मुझे लगता है कि सभी अभिनेताओं ने बहुत अच्छा काम किया और फिर से तकनीकी टीम और पूरा क्रू इतना सहायक था और इतना मददगार था कि एक समय ऐसा आया जब हम पूरी तरह से भूल गए कि हम पल्लवी जोशी या निवेदिता भट्टाचार्य या नाना पाटेकर या जो भी हो और हम डॉ. बलराम भार्गव, डॉ. निवेदिता गुप्ता और डॉ. प्रिया इब्राहिम बन गए। तो बस सांस रोक कर इंतजार कर रहे हैं कि फिल्म रिलीज हो। नई चुनौतियों को स्वीकार करना हमेशा ‘आई एम बुद्धा’ प्रोडक्शंस का आदर्श वाक्य रहा है और मुझे लगता है कि द वैक्सीन वॉर के साथ हमने अपने लिए बहुत नए बेंचमार्क सेट किए हैं। कभी-कभी यह थोड़ा डरावना होता है लेकिन यह बेहद संतोषजनक भी होता है।”

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बता दें, विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी इस फिल्म की रिसर्च पर कड़ी मेहनत की हैं। इसके लिए उनकी टीम ने रियल साइंटिस्ट्स और वैक्सीन बनाने वाले लोगों से मुलाकात भी की। फिल्म की कहानी इस बात पर जोर देती है कि कैसे विदेशों और मेडिकल वर्ल्ड की वजह से भारतीय साइंटिस्ट्स ने हमेशा मुश्किल और दबाव भरा सरफ तय किया है।

‘द वैक्सीन वॉर’ इंडिपेनडेंस डे खास मौके पर 15 अगस्त 2023 को रिलीज होने वाली है। ये फिल्म हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़, भोजपुरी, पंजाबी, गुजराती, मराठी और बंगाली सहित 10 से अधिक भाषाओं में रिलीज़ होगी। फिल्म का निर्माण पल्लवी जोशी ने ‘आई एम बुद्धा फाउंडेशन’ के बैनर तले किया हैं, जो पूरी तरह से स्वतंत्र फिल्म प्रोडक्शन हाउस है, जिसका सो-कॉल्ड बॉलीवुड लॉबी से कोई लेना-देना नहीं है।

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