AMU अलगाववादी व अराजकतत्वों का बना अड्डा-CBI व NIA जांच की मांग,बोलें गजेंद्र पाल सिंह आर्य 

अलीगढ़, संवाददाता। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारी गजेंद्र पाल सिंह आर्य ने बड़ा सवालिया निशान खड़ा करते हुए तीखा हमला बोला है। एएमयू को लेकर विवादित टिप्पणी करते हुए गजेंद्र पाल सिंह आर्य ने कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलगाववादी एवं अराजक तत्वों का पूरी तरह से अड्डा बन गई है। अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारी द्वारा दिए गए इस धड़कते भड़कते बयान के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। वहीअखिल भारत हिंदू महासभा ने मांग की है कि विश्वविद्यालय में चल रही इस तरह की गतिविधियों की CBI जांच की जाए। वही हिन्दू महासभा ने भारत सरकार को पत्र लिखकर मांग करेगी की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मनसूर के अधिकारों को फ्रीज किया जाए। और इनकी गतिविधियों की एनआईए (NIA) से जांच करवाई जाए।


वहीं गजेंद्र पाल सिंह आर्य ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अलगाववादी और अराजक तत्व विश्वविद्यालय के छात्रावास में रह रहे हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मसूर की इन सभी को पूर्ण संरक्षण प्राप्त है। जबकि कुलपति तारिक मनसूर के कार्यकाल से ही विश्वविद्यालय में भारत सरकार विरोधी तत्व और ज्यादा सक्रिय हो गए हैं , सीएए ,एनआरसी के बाद से लगातार विश्वविद्यालय भारत सरकार विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। अलीगढ़ का प्रशासन विश्वविद्यालय इंतजामियां के आगे नतमस्तक हो जाता है। इसी के कारण गणतंत्र दिवस के दिन धार्मिक उन्माद वाले नारे लगाने वाले छात्र के खिलाफ कार्रवाई होने पर उसके समर्थन में और उन्हीं नारों के साथ छात्रों का प्रदर्शन भारत सरकार को और अलीगढ़ प्रशासन दोनों को खुली चुनौती है। निश्चित रूप से प्रतिबंधित संगठन सीएफआई, पी एफआई और सिमी के छात्र और उनके कार्यकर्ता इस सारी कार्य में लगे हुए हैं। जिनको विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी मदद कर रहा है। हम जानते हैं कि भारत विभाजन की नींव अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में ही रखी गई थी और तब से लेकर आज तक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का कोई भी प्रोफेसर इतिहासकार ऐसा नहीं है जिसने देश की सत्ता एवं सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद न की हो। यह कहा जाए कि आतंकियों की शरण स्थली एवं आतंकियों की पाठशाला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय है तो यह कतई गलत नहीं होगा। अखिल भारत हिंदू महासभा मांग करती है कि विश्वविद्यालय में चल रही इस तरह की गतिविधियों की सीबीआई जांच की जाए। हिन्दू महासभा भारत सरकार से पत्र लिखकर मांग करेगी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मनसूर के अधिकारों को फ्रीज किया जाए। और इनकी गतिविधियों की एनआईए से जांच करवाई जाए।

ज्ञापन देते हुऐ सभी फ़ोटो : द ब्लाट
ज्ञापन देते हुऐ सभी फ़ोटो : द ब्लाट



आपको बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन हॉल में लगी पाकिस्तान के जनक जिन्ना की तस्वीर से लेकर CAA/NRC प्रोटेस्ट मार्च के दौरान मचे हाहाकार के बाद 26 जनवरी को 74वे गणतंत्र दिवस के मौके पर एनसीसी कैडेट्स के द्वारा धार्मिक नारे अल्लाह हू अकबर लगाए गए थे। जिसके बाद एएमयू में कुलपति के द्वारा ध्वजारोहण करने के दौरान छात्रों द्वारा धार्मिक नारे लगाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते हैं एएमयू के पूर्व छात्र भाजपा नेता ने अलीगढ़ के एसएसपी को वीडियो टैग करते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी जिसके बाद बन्नादेवी क्षेत्र के भाजपा नेता की तहरीर पर अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने वाले एएमयू छात्र के खिलाफ कोतवाली सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया था। तो वही सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद एएमयू एडमिनिस्ट्रेशन ने तत्काल वीडियो का संज्ञान लेते हुए कुलपति तारिक मंसूर के आदेश पर पश्चिम बंगाल के बोमपाल, बटना, रतुआ मालदा निवासी छात्र वहीद उज्ज्मा को निलंबित कर दिया और जांच समिति बैठा दी है। जिसके बाद निलंबित किए गए छात्र वहीद उज्जमां के समर्थन में शुक्रवार को उसकी बहाली को लेकर एएमयू कैंपस के डंक पॉइंट से बाबा सैयद गेट तक विरोध मार्च निकाला गया। इस दौरान हाथों ने अल्लाह हू अकबर स्लोगन लिखे पोस्टर लिए छात्रों के द्वारा मार्च के दौरान कैंपस में प्रदर्शन करते हुए नार-ए-तकबीर अल्लाहू अकबर, तेरा-मेरा रिश्ता क्या, ला इलाहा इल्लल्लाह के नारे लगाए गए। वही निलंबित किए गए पश्चिम बंगाल के बीए प्रथम वर्ष के छात्र और एनसीसी कैडेट वहीद उज्ज्मा गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के समापन के बाद साथी कैडेट्स ने एएमयू जिंदाबाद, नारा-ए-तकबीर, अल्लाहू अकबर के नारे लगाने लगाये गए हैं। वायरल वीडियो के अनुसार जोश में भरकर कई अन्य कैडेट्स ने भी नारा लगाया।लेकिन दावा किया गया है कि एनसीसी कैडेट की अगुवाई करने वाले एएमयू छात्र ने आरोपी छात्र को रोकने की कोशिश की थी।



लेकिन अल्लाह हूं अकबर के नारे लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद एएमयू के पूर्व छात्र और भाजपा नेता डॉ. निशित शर्मा ने इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए अलीगढ़ पुलिस और एसएसपी कलानिधि नैथानी को टैग किया था। जिसके बाद AMU इंतजामिया हरकत में आ गया था ओर आनन-फानन में धार्मिक नारे लगाने वाले छात्र को निलंबित कर दिया था। जिसके बाद एक बार फिर शुक्रवार को निलंबित छात्र वहीद उज्ज्मा के समर्थन में एएमयू के सैकड़ों छात्र एएमयू के डंक पॉइंट पर इकट्ठा हो गए और विश्वविद्यालय कैंपस में जोरदार प्रदर्शन करते हुए छात्र को जल्द बहाल किए जाने की मांग की है, वही इस दौरान एएमयू छात्रों ने हाथों में अल्लाह हू अकबर के पोस्टर लेकर अल्ला हू अकबर के नारों के साथ जमकर नारेबाजी की गई।वहीं मार्च और प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने नार-ए-तकबीर अल्लाहू अकबर, तेरा-मेरा रिश्ता क्या, ला इलाहा इल्लल्लाह के नारे लगाए। जबकि छात्रों के हाथों में तुम ही गालिब रहोगे अगर तुम मोमिन हो सहित अन्य स्लोगन की तख्तियां थीं। छात्र प्रदर्शन में अल्लाह हू अकबर लिखा हुआ बैनर लेकर चल रहे थे। जिसके बाद छात्रों ने एएमयू प्राक्टर वसीम अली को ज्ञापन दिया।एएमयू छात्रों ने निलंबित एनसीसी छात्र वहीद उज्जमां को बहाल करने की मांग की गई। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि धार्मिक जयघोष का नारा लगाने वाले एनसीसी छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन उन्होंने अल्लाहू अकबर लगाने वाले एनसीसी छात्र को निलंबित कर दिया था।

वहीं आपको बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुस्लिम छात्रों द्वारा 6 महीने पहले एक हिंदू छात्र के हाथ में बंधा कलावा काट दिया था। जिसके बाद उसके साथ मारपीट करते हुए विशेष समुदाय से ताल्लुक रखने वाले धार्मिक नारे अल्लाह हू अकबर के नारे लगवाने के साथ ही उससे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगवाए गए थे। जिसके बाद छात्र ने कोतवाली सिविल लाइन में मारपीट करने के साथ ही धार्मिक नारे लगवाएं जाने के विरोध में मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की। मुकदमा दर्ज कराने के बाद आरोपी एएमयू छात्र लगातार हिंदू छात्र को मुकदमा वापस लेने को लेकर धमकी दे रहे थे। जिसके बाद आरोपी मुस्लिम छात्रों ने सोमवार को एएमयू कैंपस के हॉस्टल के कमरे में घुसकर पीड़ित हिंदू छात्र के साथ हॉकी स्टिक से हमला करते हुए उसके मुंह में तमंचे की नाल ठूस दी गई थी। इस घटना के विरोध में करणी सेना के कार्यकर्ता अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हनुमान चालीसा पढ़ने जा रहे थे तभी पुलिस और पीएसी ने करणी सेना के कार्यकर्ताओं को रोकते हुए उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया था। जिसके बाद करणी सेना के कार्यकर्ता और पुलिस में टकराव की स्थिति बन गई थी ओर इस दौरान दोनों तरफ से जमकर नोकझोंक हुई थी। करणी सेना के कार्यकर्ताओं पर नजर बंद करने के बाद करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने अलीगढ़ जिला प्रशासन और पुलिस को आरोपी छात्रों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में चल रहे घटनाक्रम के बीच अब अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारी राजेंद्र सिंह आर्य ने कड़ा प्रहार करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अलगाववादी एवं अराजक तत्वों का अड्डा करार दिया है।

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