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योगी सरकार ने अतीक अहमद और उसके गुर्गों पर लगातार कार्यवाही की लेकिन ज़मीन का कारोबार करने वाले अतीक अहमद के करीबी रंगदारी और कब्ज़े का अवैध धंधा अब तक नही छोड़ पाए है। ताज़ा मामला एक पत्रकार से जुड़ा है।

स्वतंत्र पत्रकार बाल मुकुंद ने कई साल पहले झलवा के देव घाट में 300 ग़ज़ ज़मीन खरीदी जिसकी रजिस्ट्री भी कराई लेकिन अब अतीक अहमद के बेहद करीबी चकिया के रहने वाले नसरत ने बाल मुकुंद की ज़मीन की बाउंड्री गिरा दी और उसको कब्ज़ा छोड़ने के लिए धमाकाना शुरू कर दिया। आरोप है कि नसरत ने ज़मीन न छोड़ने पर 25 लाख रुपये की मांग की जिसकी फोटो भी सामने आई है। फोटो में नसरत पत्रकार बाल मुकुंद को धमकाते हुए नज़र आ रहा है।
ज़मीन खरीदने वाले बाल मुकुंद का कहना है कि नसरत उसको लगातार धमकियां देते है और ज़मीन पर कब्ज़ा छोड़ने का दबाव बना रहे है। कई बार फोन पर भी धमकी दी। जिसकी शिकायत धूमन गंज थाने में की लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई तो उन्होंने डिप्टी सी एम केशव प्रसाद मौर्या से इंसाफ की गुहार लगाई।
डिप्टी सीएम ने जॉइंट कमिश्नर आकाश कुलहरि को कार्यवाही के लिए अग्रेषित किया। हालांकि जॉइंट कमिश्नर ने इस मामले की जांच एसीपी धूमनगंज से कराने का निर्देश दिया लेकिन अभी तक कोई एक्शन नही लिया गया।

जिससे पीड़ित बाल मुकुंद दहशत में है उसका कहना है कि अतीक के करीबी कभी भी कुछ भी उसके साथ कर सकते है। इस मामले में जॉइंट कमिश्नर आकाश कुलहरि का कहना है कि मामला संज्ञान में है इसकी जांच डीसीपी संतोष मीणा को दी गई है। डीसीपी संतोष मीणा का कहना है कि ज़मीन से जुड़ा विवाद है दोनो पक्षों का बयान दर्ज कर लिया गया है। दोनो ही पक्षों ने अलग अलग चीजें बताई है उसको सत्यापित किया जा रहा है जांच में जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही की जाएगी।
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