नई दिल्ली । भाजपा की दिल्ली इकाई ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बस खरीद की प्रक्रिया की जांच के लिए उप राज्यपाल अनिल बैजल द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट में साबित हुआ है कि इसमें घोटाला हुआ है। कुछ घंटे पहले ही उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसके विपरीत दावा किया था।
मामले में क्लीन चिट मिलने के आम आदमी पार्टी सरकार के दावे को लेकर निशाना साधते हुए भाजपा ने उस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने दावा किया था कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल सरकार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि वह किसी घोटाले में शामिल नहीं है।
उन्होंने दिल्ली भाजपा के नेताओं पर बसों को खरीदने में अड़चन डालने का आरोप लगाया और उन्होंने उनसे जनता से इसके लिए माफी मांगने को कहा। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने एक दशक से अधिक समय से कोई नई बस नहीं खरीदी है।
दिल्ली विधानसभा में इस साल की शुरुआत में इस मुद्दे को उठाने वाले भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ आप यह दावा करके लोगों को गुमराह कर रही है समिति ने डीटीसी बसों की खरीद प्रक्रिया के मामले में पूछताछ की है और क्लीन चिट दी है।’’
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘समिति ने डीटीसी द्वारा खरीदी जा रही 1,000 बसों के वार्षिक रख-रखाव अनुबंध (एएमसी) पर ध्यान केंद्रित किया है, जो उसने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है।’’
गुप्ता ने दावा किया, ‘‘एएमसी प्रक्रिया और अनुबंध में गड़बड़ी पाये जाने के बाद समिति ने समझौते को पूरी तरह समाप्त करने का सुझाव दिया है।’’
बैजल ने पिछले महीने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसमें दिल्ली सरकार के परिवहन और सतर्कता आयुक्त शामिल हैं। समिति ने आठ जुलाई को उप राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंपी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। समिति की जांच के कारण परिवहन विभाग ने बस खरीद प्रक्रिया रोक दी है।
गुप्ता ने आरोप लगाया, ‘‘समिति के निष्कर्षों से साबित होता है कि नई डीटीसी बसों के एएमसी ठेके में खुलकर लूट की गयी। पूरा सौदा दो कंपनियों से फायदा उठाने के एवज में उन्हें दिया गया और करदाताओं के धन से उन्हें 3,500 करोड़ रुपये दिये गये।’’
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