नई दिल्लीः विश्व जनसंख्या दिवस पर आज उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ राज्य में जनसंख्या नीति को लागू करने जा रहे हैं, जिसमें तमाम शर्तें रखी गई हैं। जनसंख्या नीति में दो बच्चे पैदा करने पर क्या फायदे होंगे यह भी इसमें रखा गया है। यूपी सरकार का मकसद किसी तरह से जनसंख्या नियंत्रण व मूलभूल सुविधाओं को मुहैया कराना भी माना जा रहा है। नई जनसंख्या नीति 2021-2030 के लिए जार होगी। सीएम आवास में एक कार्यक्रम का आयोजन कर इसे सीएम योगी द्वारा जारी किया जाएगा। 
– जानिए क्या है जनसंख्या नीति
2021-2030 के लिए प्रस्तावित नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने का प्रयास रहेगा। वहीं, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता/बांझपन की समस्या के समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या में स्थिरता लाने के प्रयास भी किए जाएंगे। साथ ही इस नीति का उद्देश्य 11-19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है।
वहीं, योगी आदित्यनाथ ने स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाए जाने के निर्देश भी दिए। साथ ही, डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप नवजातों, किशोरों और वृद्धजनों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था के भी कहा। उन्होंने कहा, नई नीति तैयार करते हुए सभी समुदायों में जनसांख्यकीय संतुलन बनाए रखने, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के माध्यम से मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास होना चाहिए।
– जानिए यूपी की कितनी आबादी
अनुमान है कि अभी यूपी की आबादी तकरीबन 23 करोड़ है। 2011 की जनगणना के मुताबिक प्रदेश की कुल जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 थी। जो कि भारत की कुल आबादी का 16.5 प्रतिशत थी। वहीं यूपी का प्रयागराज 59 लाख 54 हजार 391 की आबादी के साथ प्रदेश में पहले नंबर पर था। दूसरी ओर 8 लाख 75 हजार 958 की जनसंख्या के साथ महोबा प्रदेश का सबसे कम आबादी वाला जिला था।
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