अलीगढ़ । कौन सही है? कौन गलत है? किसको मान्यता है? किसको मान्यता नहीं है? इन सवालों की दुनिया काफी बड़ी है। इसके निर्धारण में भी काफी समय व श्रम खप जाता है। बात अगर सरकारी महकमे की हो तो इस संबंध में प्रक्रियाएं काफी लंबी हो जाती हैं और लंबे समय के बाद परिणाम आ पाता है। सरकारी महकमे में भी अगर बात शिक्षा क्षेत्र की हो तो सही व गलत के फैसले आने के चक्कर में तमाम विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो जाता है। मगर अब नई व्यवस्था के तहत विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को सही व गलत की जानकारी भी होगी और भविष्य भी खराब नहीं होगा। बेसिक शिक्षा परिषद के जिले में 2500 स्कूल हैं। इनकी आड़ में कई बिना मान्यता प्राप्त या गलत मान्यता से संचालित होने वाले संस्थान भी हैं। अफसर इनका निरीक्षण भी करते हैं लेकिन कई बार ऐसे संस्थान पकड़ में नहीं आ पाते। मगर अब नई व्यवस्था के तहत ऐसे विद्यालयों की पहचान तत्काल होगी। जिले में बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त जितने भी संस्थान संचालित हैं उनका अपना यू-डायस कोड होना अनिवार्य है। यू-डायस पर संस्थान की पूरी जानकारी देने वालों को ही कोड जारी किया जाएगा। इसके तहत अब विद्यालयों को उनके नाम से नहीं बल्कि यू-डायस कोड से ही पहचाना जाएगा। जिन विद्यालयों के यू-डायस कोड नहीं होंगे वे मान्यता से हाथ धो बैठेंगे। ऐसे संस्थानों के फेर में पड़कर विद्यार्थियों का जीवन भी अधर में नहीं फंसेगा। अभिभावकों को भी जानकारी होगी कि अमुख विद्यालय का यू-डायस कोड नहीं है लिहाजा ये मान्यता प्राप्त नहीं है। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि अलीगढ़ जिले में लगभग 99.99 फीसद मान्यता प्राप्त विद्यालयों का यू-डायस कोड जनरेट किया जा चुका है। कुछ अगर दो-चार विद्यालय बचे हैं तो उनको भी ये कोड लेना होगा अगर वे यू-डायस कोड नहीं लेते तो उनकी जांच कराई जाएगी। मान्यता न होने या गलत मान्यता होने पर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
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