पूरे शरीर पर हो सकता है संक्रमण का असर, 84 हिस्सों में दिखे मार्कर covid-19

द ब्लाट न्यूज़;           पिछले तीन साल से अधिक समय से वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी जारी है। अब तक 66.72 करोड़ से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। वहीं कोरोना अब तक 67 लाख से अधिक लोगों की मौत का कारण बन चुका है। महामारी की शुरुआत में माना जा रहा था कि सार्स-सीओवी-2 वायरस, ऊपरी श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला संक्रमण है, हालांकि समय के साथ वायरस में हुए म्यूटेशन के साथ इसके लक्षणों और प्रकृति में बदलाव देखा जाता रहा है।इस बीच एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोरोनावायरस सिर्फ श्वसन तंत्र की बीमारी का कारण नहीं बनता है, इसका पूरे शरीर पर दुष्प्रभाव हो सकता है। इस खतरे को लेकर सभी को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।

 संक्रमण का असर:

कोरोना पर अब तक के सबसे व्यापक ऑटोप्सी टिशू स्टडी में, शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क और हृदय से लेकर आंखों और पूरे शरीर पर वायरस के दुष्प्रभावों के मार्कर देखे हैं। अध्ययन के निष्कर्ष में वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करता देखा गया है, यह सिर्फ श्वसन रोग का कारण नहीं बनता है।
इस खतरे को ध्यान में रखते हुए संक्रमण से बचाव के उपाय करते रहना सभी के लिए आवश्यक है। जिस प्रकार से नए म्यूटेटेड वैरिएंट्स की प्रकृति अधिक संक्रामक देखी जा रही है, वह और भी चिंता बढ़ाने वाली स्थिति है। आइए इस अध्ययन के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
मैरीलैंड विश्वविद्यालय के सहयोग से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंटिस्ट्स के नेतृत्व में किए गए इस हालिया शोध में वैज्ञानिकों ने कोरोना के कारण शरीर के अलग-अलग अंगों पर होने वाले दुष्प्रभावों को जानने की कोशिश की। इसके लिए कोरोना से मरने वाले 44 मरीजों का ऑटोप्सी किया गया। अध्ययन के लिए शरीर के विभिन्न हिस्सों से मृत्यु के तुरंत बाद ऊतकों को लेकर उनकी जांच की गई।

इस शोध के दौरान पता चला कि कोरोना संक्रमण असल में श्वसन रोग तक ही सीमित नहीं है, शरीर के लगभग 84 हिस्सों में संक्रमण के कारण होने वाले दुष्प्रभाव या मार्कर के बारे में पता चला।
इन अंगों पर देखे गए दुष्प्रभाव:

इससे पहले के भी कई अध्ययनों में शरीर पर कोरोना संक्रमण के दुष्प्रभावों का पता लगाने की कोशिश की गई थी, जिसमें मस्तिष्क, पाचन अंगों पर इसके असर के बारे में बताया गया था, हालांकि यह अपने आप में पहला व्यापक अध्ययन है, जिसमें पूरे शरीर पर इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानने के लिए अध्ययन किया गया है।

ऑटोप्सी आधारित शोध में पाया गया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति में वायरल आरएनए का सबसे अधिक दुष्प्रभाव वायुमार्ग और फेफड़ों के ऊतकों पर होता है। कुछ स्थितियों में मस्तिष्क, आंत, हृदय, किडनी, आंख, एडर्नल ग्लैंड्स और लिम्फ नोड्स को भी यह प्रभावित कर सकता है।

मस्तिष्क पर दिखे कोरोना के दुष्प्रभाव

क्या कहते हैं शोधकर्ता?

शोधकर्ता कहते हैं, यह एक प्रकार का शॉर्ट पोस्टमार्टम इंटरवील अध्ययन है, जिसमें शरीर के अलग-अलग हिस्सों में संक्रमण के कारण इंफ्लामेटरी मार्करों के बारे में पता चलता है। जिसको लेकर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। कोरोना से बचाव बहुत आवश्यक है, भले ही इसके लक्षण हल्के दिख रहे हैं पर शरीर पर इसका असर कई प्रकार से हो सकता है।

हालांकि इस अध्ययन के परिणाम बहुत स्पष्ट नहीं हैं क्योंकि जिन मृतकों पर शोध किया गया है, उनमें से ज्यादातर बुजुर्ग और बिना टीकाकरण वाले थे। अध्ययन के अगले चरण में वैक्सीनेटेड लोगों पर शोध किया जाना है।

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