द ब्लाट न्यूज़; पिछले तीन साल से अधिक समय से वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी जारी है। अब तक 66.72 करोड़ से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। वहीं कोरोना अब तक 67 लाख से अधिक लोगों की मौत का कारण बन चुका है। महामारी की शुरुआत में माना जा रहा था कि सार्स-सीओवी-2 वायरस, ऊपरी श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला संक्रमण है, हालांकि समय के साथ वायरस में हुए म्यूटेशन के साथ इसके लक्षणों और प्रकृति में बदलाव देखा जाता रहा है।इस बीच एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोरोनावायरस सिर्फ श्वसन तंत्र की बीमारी का कारण नहीं बनता है, इसका पूरे शरीर पर दुष्प्रभाव हो सकता है। इस खतरे को लेकर सभी को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।
संक्रमण का असर:
क्या कहते हैं शोधकर्ता?
शोधकर्ता कहते हैं, यह एक प्रकार का शॉर्ट पोस्टमार्टम इंटरवील अध्ययन है, जिसमें शरीर के अलग-अलग हिस्सों में संक्रमण के कारण इंफ्लामेटरी मार्करों के बारे में पता चलता है। जिसको लेकर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। कोरोना से बचाव बहुत आवश्यक है, भले ही इसके लक्षण हल्के दिख रहे हैं पर शरीर पर इसका असर कई प्रकार से हो सकता है।
हालांकि इस अध्ययन के परिणाम बहुत स्पष्ट नहीं हैं क्योंकि जिन मृतकों पर शोध किया गया है, उनमें से ज्यादातर बुजुर्ग और बिना टीकाकरण वाले थे। अध्ययन के अगले चरण में वैक्सीनेटेड लोगों पर शोध किया जाना है।