कानपुर, द ब्लाट । पनकी पुलिस ने बिकरू कांड के आरोपियों को भगाने में मदद करने वाले मोहन अवस्थी को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वो फरार चल रहा था। चार दिन पहले उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था। बिकरू कांड के आरोपियों को भगाने और पनाह देने के मामले में फरार चल रहे आरोपी मोहन अवस्थी को पनकी पुलिस ने कानपुर देहात से गिरफ्तार किया है।

बिकरू कांड के बाद विकास अपने गुर्गे प्रभात और अमर दुबे के साथ फरार हुआ था। इसमें प्रभात ने शिवली निवासी दोस्त विष्णु कश्यप को फोन करके शिवली नदी पुल के पास कार लेकर बुलाया था। विष्णु अपने दोस्त छोटू की स्विफ्ट कार लेकर कैलई रोड तिराहे पहुंचा था। वहां से सभी लोग विष्णु के बहनोई रामजी के घर रसूलाबाद तुलसीपुर गए थे। तीन जुलाई, 2020 की दोपहर अमर को रामजी करियाझाला में संजय परिहार की बगिया ले गया। शाम को विकास और प्रभात को भी वहीं पहुंचाया था। यहां अभिनव तिवारी, अर्पित मिश्रा उर्फ पुत्तू मिश्रा, विक्की यादव, अमन शुक्ला, मोहन अवस्थी आदि मौजूद थे।
इसके बाद शुभम ने विकास, अमर और प्रभात को दो दिन तक अपने ठिकाने पर रुकवाया था। पांच जुलाई, 2020 के बाद तीनों बदमाशों को शुभम अपनी कार से औरैया छोड़ आया था। यहां से तीनों फरीदाबाद पहुंचे थे। बाद में तीनों को एनकाउंटर में मार गिराया गया था। एनकाउंटर के बाद असलहों का जखीरा रामजी, अर्पित और विष्णु के पास था। मामला ठंडा होने पर आठ माह बाद रामजी ने असलहे और कारतूस बेचने के प्रयास शुरू किए थे। जनवरी में संजय, अमन और अभिनव ने रामजी से संपर्क किया था।
संजय ने एक सेमी ऑटोमेटिक रायफल व एक डबल बैरल बंदूक का सौदा इटावा-भिड रोड स्थित पेट्रोल पंप मालिक सत्यवीर सिंह यादव के रिश्तेदार मनीष यादव से किया था। इसी दौरान एसटीएफ ने असलहा खरीदने वाले समेत सात आरोपितों को दबोचा भी था।
वहीं थाना प्रभारी अजय कुमार सिंह ने कहा कि चौबेपुर जरारी गांव निवासी मोहन अवस्थी को गिरफ्तार किया गया है
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