सरकारी अस्पतालों का डेंगू मलेरिया को आमंत्रण, नहीं जिम्मेदारों को शुद्ध

कानपुर। कानपुर जिले में इस समय डेंगू और बुखार जैसी बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ हैं। लगातार मौतें हो रही हैं। अब तक 21 लोग दम तोड़ चुके हैं लेकिन महकमे के आंकड़े में एक भी मौत दर्ज नहीं है। इस आंकड़ेबाजी के चलते डेंगू और बुखार से निपटने के इंतजाम भी पुख्ता नहीं हैं और बीमारी दिन-ब-दिन भयावह रूप लेती जा रही है। वहीं सरकारी अस्पतालो का ये हाल हैं कि हर जगह गन्दगी फैली हुई है। कहीं पानी भरा हैं तो कहीं कूड़ा फैला पड़ा है।


उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री आए दिन स्वास्थ्य विभागों का निरीक्षण करते हुए देखे जाते हैं लेकिन कानपुर उर्सला अस्पताल का शायद उन्होंने निरीक्षण करना य डेंगू से संबंधित बीमारियों और साफ सफाई से संबंधित अधिकारियों को ढील दे रखी है यही कारण है कि उर्सला अस्पताल में हर जगह कूड़ा करकट काफी दिनों से भरा पानी जो मच्छरों को पनपने के लिए न्योता दे रहा है और लोगों को स्वास्थ्य करने वाला उर्सुला अस्पताल और भी बीमार करने में जुटा हुआ है। इस ओर न तो जिलाधिकारी का ध्यान जा रहा है और ना ही सीएमओ का। वहीं शहर से लगे सरसौल, कल्याणपुर और बिधून ब्लाक में डेढ़ माह से डेंगू और बुखार कहर बरपा हुआ है। जिसमे घाटमपुर, पतारा, भीतरगांव में भी बुखार पीड़ितों में डेंगू जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं।

बिल्हौर में भी डेंगू व बुखार से कई मौतें हो चुकी हैं। शहर के लगभग हर मोहल्ले में डेंगू पीड़ित मिल रहे हैं। कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं लेकिन स्वास्थ्य महकमा इन मौतों को झुठलाने के लिए हर हथकंडे अपना रहा है। महकमे की ओर से रोजाना जारी होने वाली रिपोर्ट में मौतों का आंकड़ा शामिल ही नहीं किया जा रहा है।

Edited by : The Balt News 

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