T20 WC: अर्शदीप जैसा गेंदबाज मिला, कोहली ‘विराट’ फॉर्म में लौटे, जानें विश्वकप में भारत ने क्या खोया-क्या पाया

भारत टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया है। एडिलेड में खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में छह विकेट गंवाकर 168 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड की टीम ने 16 ओवर में बिना कोई विकेट गंवाए लक्ष्य हासिल कर लिया। सेमीफाइनल को छोड़ दें तो इससे पहले टीम इंडिया का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा था।

कुछ खिलाड़ी उभर कर सामने आए, तो विराट कोहली जैसे दिग्गज बल्लेबाज ने अपना फॉर्म हासिल किया। हम आपको इस वर्ल्ड कप में भारत के नजरिये से चार सकारात्मक और छह नकारात्मक पहलुओं के बारे में बता रहे हैं…

सकारात्मक

विराट कोहली
1. विराट कोहली का फॉर्म में लौटना: भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली फॉर्म में लौट चुके हैं। नवंबर 2019 के बाद से कोहली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक बनाने के लिए जूझ रहे थे। हालांकि, इस साल सितंबर में एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ शतक लगाने के बाद कोहली टी20 वर्ल्ड कप अलग ही रंग में नजर आए। टी20 वर्ल्ड कप में उन्होंने एक से एक बेहतरीन पारियां खेलीं। उनकी पारियों को देखकर लगा कि पुराना कोहली वापस आ गया है। पाकिस्तान के खिलाफ कोहली ने अपने दम पर मैच जिताया। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने छह मैचों में 98.66 की औसत और 136.40 के स्ट्राइक रेट से 296 रन बनाए। छह में से चार मैचों में कोहली ने अर्धशतक जमाया। फिलहाल इस वर्ल्ड कप में उनसे ज्यादा रन बनाने के लिए बाकी बल्लेबाजों को जूझना होगा। फाइनल में पहुंचने वाली टीमों में से एलेक्स हेल्स और जोस बटलर ही नजदीक हैं। हेल्स के 211 रन और बटलर के 199 रन हैं। हालांकि, कोहली को पीछे छोड़ पाना मुश्किल होगा।
2. भारत को मिला नया सितारा ‘अर्शदीप सिंह’: एक तरफ जहां बाकी टीमों के गेंदबाज उन्हें मैच जिता रहे थे, वहीं टीम इंडिया की गेंदबाजी इस टूर्नामेंट में कुछ खास नहीं रही है। अर्शदीप सिंह को छोड़कर भारत का कोई गेंदबाज कुछ खास नहीं कर सका। अर्शदीप ने अगर पावरप्ले में विकेट निकाले तो ठीक वरना भारतीय गेंदबाजी फ्लॉप साबित होती रही। अर्शदीप इस विश्व कप में भारत के सबसे बड़े उभरते सितारे बनकर सामने आए हैं। उन्होंने छह मैचों में 10 विकेट निकाले और उनकी इकोनॉमी 7.80 की रही। यह इकोनॉमी इसलिए खास है क्योंकि उनसे डेथ ओवर्स में गेंदबाजी कराई गई। अर्शदीप में वह सारी खूबियां दिखीं जो कभी जहीर खान में थी। आगे चलकर अर्शदीप भारत के स्ट्राइक बॉलर बन सकते हैं। डेथ ओवर्स में यॉर्कर पर यॉर्कर डालना उनकी खूबी है।
सूर्यकुमार यादव
3. सूर्यकुमार की अद्भुत पारियां: सूर्यकुमार यादव भले ही कुछ मैचों में न चले हों, लेकिन उन्होंने इस वर्ल्ड कप में कुछ अद्भुत पारियां खेली हैं। स्कूप से लेकर रैम्प जैसे मुश्किल शॉट तक को बड़ी आसानी से खेल जाना उनकी खूबी है। सूर्यकुमार नंबर चार पर भारत के लिए खास रहे हैं। उन्होंने कई मैचों में भारत को मुश्किल परिस्थितियों से निकाला। इनमें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी 40 गेंदों में 68 रन की पारी खास है। भारत भले ही वह मैच हार गया, लेकिन सूर्यकुमार चमक गए। मैदान पर निडर होकर बल्लेबाजी कर सूर्यकुमार ने पूरी दुनिया को अपना फैन बना लिया। सूर्यकुमार ने टी20 वर्ल्ड कप में छह मैचों में 59.75 की औसत और 189.68 के स्ट्राइक रेट से 239 रन बनाए। इसमें तीन अर्धशतक शामिल है।
हार्दिक पांड्या
4. हार्दिक पांड्या की सूझबूझ: 2022 आईपीएल से पहले तक हार्दिक की छवि मैदान पर जाने और टीम इंडिया के लिए ताबड़तोड़ पारी खेलने की थी। आईपीएल में गुजरात टाइटंस फ्रेंचाइजी के कप्तान बनने के बाद से हार्दिक में गजब का बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने अब खुद को ताबड़तोड़ पारी खेलने वाली छवि से हटाकर सूझबूझ भरी पारी खेलने वाली छवि में उभारा है। टी20 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने कुछ वैसा ही किया। पाकिस्तान के खिलाफ हार्दिक ने विराट कोहली के साथ मिलकर मुश्किल परिस्थिति से निकाला। उन्होंने 40 रन की धीमी मगर उपयोगी पारी खेली। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी हार्दिक ने पहले धीमी पारी खेली। फिर उन्हें जब लगा कि अब गियर चेंज करने की जरूरत है तो उन्हें इसमें भी परेशानी नहीं हुई। हार्दिक ने इस विश्व कप में छह मैचों में 131.95 के स्ट्राइक रेट से 128 रन बनाए। साथ ही आठ विकेट भी लिए।

Check Also

संतोष ट्रॉफी : खिताबी मुकाबले में केरल का सामना पुराने प्रतिद्वंद्वी पश्चिम बंगाल से

हैदराबाद । केरल ने रविवार को गाचीबोवली स्टेडियम में मणिपुर को 5-1 से हराकर 16वीं …