द ब्लाट न्यूज़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुए मंगलवार को कहा कि दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों की प्रक्रिया में गंभीर भ्रष्टाचार के तथ्य सामने आए हैं। इसमें चार से पांच बिंदु ऐसे हैं जिससे जानने के बाद कोई भी व्यक्ति कह सकता है कि इसमें व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है।

दरअसल, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार द्वारा ग्राहकों को बिजली सब्सिडी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए न दिए जाने के मामले को लेकर जांच के आदेश दिए हैं। उपराज्यपाल के इस आदेश के बाद आज भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में डिस्कॉम में बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों की प्रक्रिया में गंभीर भ्रष्टाचार के तथ्य सामने आए हैं।
त्रिवेदी ने कहा कि विद्युत वितरण करने वाली निजी कंपनियों के बकाए को केजरीवाल सरकार की प्रारंभिक बैठकों में ही तकरीबन 32 सौ करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी को माफ कर दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर ऐसा क्यों किया गया और दिल्ली की जनता को बिजली में दी जाने वाली छूट को पारदर्शिता के साल लागू क्यों नही किया गया।
त्रिवेदी ने यह भी आरोप लगाया कि लेट फीस के नाम पर निजी कंपनियों को 18 प्रतिशत वसूल करने का अधिकार दिया गया तो वहीं कंपनियां लेट फीस के लिए दिल्ली सरकार को सिर्फ 12 प्रतिशत ही क्यों दे रही थीं? भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि बिजली कंपनियों के बोर्ड में सरकारी अधिकारी नामित होते थे लेकिन पहली बार आम आदमी पार्टी ने अपने दो पदाधिकारियों और एक सांसद के बेटे को नामित किया। त्रिवेदी ने सवाल किया कि आखिर इसके पीछे क्या मंशा हो सकती है? भाजपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार जो भी काम करती है उसमें उसकी मंशा भ्रष्टाचार की ही होती है।
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