एम्स की नई ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों को मिलेगा स्लॉट

द ब्लाट न्यूज़ एम्स प्रशासन ने ओपीडी पंजीकरण को लेकर होने वाली भीड़ को कम करने की दिशा में कदम उठाया है। एम्स की राजकुमारी अमृत कौर (आरएके) की नई ओपीडी और सर्जिकल ब्लॉक ओपीडी में आने वाले मरीजों के लिए स्लॉट जारी किए जाएंगे। यह व्यवस्था एक अक्तूबर से शुरू कर दी गई है। साथ ही एक नवंबर से नई ओपीडी कार्ड के लिए शुल्क भी बंद कर दिया जाएगा।

 

 

एम्स के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने द्वारा मरीजों की सुविधा के के लिए नए कदम उठाने के सिलसिला जारी है। नई आरएके ओपीडी में प्रवेश करने पर मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिलती थी। पंजीकरण काउंटर पर लंबी कतार होने की वजह से मरीजों का असुविधा हो रही थी। उसी के मद्देनजर स्लॉट की व्यवस्था का लागू करने के निर्देश दिए गए है।

 

स्लॉट आधारित टोकन नंबर मिलेगा : पहले से अपॉइंटमेंट लेने वाले मरीजों को एक नंवबर से ओपीडी में निर्धारित समय पर प्रवेश मिलेगा। अगर कोई मरीज समय से पूर्व पहुंच जाता है तो उसे प्रतीक्षा क्षेत्र में बैठना होगा। गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग मरीजों को बिना किसी रोक के प्रवेश दिया जाएगा। वहीं अगर किसी मरीज ने पहले से अपॉइंटमेंट नहीं ले रखी है तो उन्हें सोलर फार्म हैंगर में रिपोर्ट करना होगा। जिस विभाग में मरीज खुद को दिखाना चाहता है उसके लिए स्लॉट आधारित टोकन नंबर दिया जाएगा।

 

कलाई पर पहनने के लिए मिलेगा बैंड : स्लॉट का नंबर आने तक मरीज को इंतजार करना होगा। स्लॉट की पहचान को लेकर कलाई पर पहनने के लिए बैंड भी मरीज को उपलब्ध कराया जाएगा। अगर किसी मरीज को परामर्श के लिए उस दिन का टोकन नहीं मिल पाता है तो वह प्रतीक्षा क्षेत्र में लगे कियोस्क से भविष्य के लिए चयनित दिन के लिए तारीख ले सकेगा।

 

नई ओपीडी कार्ड के लिए नहीं लगेगा शुल्क : एक नवंबर से नई ओपीडी कार्ड के लिए दस रुपये का शुल्क संग्रह बंद कर दिया जाएगा। एम्स ने मई में 300 रुपये तक की जांच निःशुल्क करने की घोषणा की थी।

 

एकीकृत होगी टोकन व्यवस्था : एक अक्तूबर से आरएके ओपीडी में कतार प्रबंधन प्रणाली सुनिश्चित की जाएगी। टोकन जारी करने और प्रबंधन व्यवस्था को आवश्यकता अनुसार एकीकृत किया जाएगा। सोलर फॉर्म हैंगर में स्क्रीन पर टोकन नंबर और दूसरी सूचनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। एम्स ओपीडी में आने वाले मरीजों को एबीएचए आईडी सुनिश्चित की जाएगी।

 

लगेंगे टर्नस्टाइल गेट और क्यूआर कोड : मरीज के आने की सुविधा को पेपरलेस बनाने की दिशा में समाधान करने के विकल्प तलाशे जाएंगे। इसमें क्यूआर कोड आधारित चेक-इन, टर्नस्टाइल गेट, प्रवेश/निकासी स्कैन आदि शामिल है। सभी केंद्र और विभाग ई-संजीवनी मंच पर होंगे।

 

 

 

 

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