द ब्लाट न्यूज़ करीब आठ वर्ष पहले सरोजिनी नगर में जाम खत्म करने के मकसद से बनाई गई मल्टी लेवल पार्किंग का प्रयोग असफल रहा है। स्थानीय व्यापारी एनडीएमसी और केंद्रीय शहरी आवास एवं कार्य मंत्रालय से भूमिगत पार्किंग की मांग कर रहे हैं।
व्यापारियों ने भूले लाल कमेटी की रिपोर्ट को भी इंगित किया है। व्यापारियों की आपत्तियों पर पार्किंग को लेकर एनडीएमसी, ट्रैफिक पुलिस और केंद्रीय मंत्रालय की टीम सर्वे करेगी। रिपोर्ट के बाद तय होगा कि नई पार्किंग बनेगी या फिर मौजूदा में कोई बदलाव किया जाएगा।
सरोजिनी नगर में एनडीएमसी ने पीपीपी मॉडल पर मल्टी लेवल पार्किंग तैयार कराई। इसमें भूतल और प्रथम तल को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए रखा गया, जिसमें अब दुकानें चल रही है। उसके बाद ऊपर के सात फ्लोर पार्किंग के लिए आरक्षित किए गए। पार्किंग तैयार होने के बाद भी इसका सौ फीसदी इस्तेमाल नहीं हो पाया। क्षमता के हिसाब से 10 से 15 फीसदी वाहन पार्क हो पाते हैं। व्यापारियों का कहना है कि मल्टी लेवल पार्किंग में वाहन को खड़ा करने और पार्किंग से निकलने में करीब 30 से 40 मिनट का समय लगता है। अगर पार्किंग एरिया शत प्रतिशत भरा हो तो यह समय बढ़कर एक घंटा भी हो सकता है।
मिनी मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने कहा कि हम लगातार इस बात को कह रहे हैं कि पार्किंग का उपयोग नहीं हो पा रहा है। क्योंकि वाहनों को पार्क करने और निकालने में बड़ा समय बर्बाद होता है। महज 100-125 गाड़ियां ही बामुश्किल दिन भर में पार्क होती हैं। पार्किंग के अंदर चार लिफ्ट हैं लेकिन उनमें से दो ही संचालित होने से समय अधिक लगता है। अब एक संयुक्त कमेटी सर्वे करने पर सहमत है। उम्मीद है कि जल्द इस समस्या का समाधान हो पाएगा।